‘सर जी’ आम आदमी की भाषा में पूछा जा सकता है कि पुष्पक विमान थे, तो कहीं दो पहियों वाली छोटी सी काम की सवारी साइकिल का ज़िक्र तक कहीं …
भाषा पर विवाद – अच्छे हैँ
अनुराग के प्रश्नोँ के उत्तर Ø भारत में समय-समय पर भाषा को लेकर विवाद उठता रहता है। इसका क्या समाधान है? भाषा पर विवाद उठते …
द्रोणवीर कोहली
जीवन संध्या बीज का देरी से सही, बेहतरीन फल देना साइकिलों पर बदहवास पैडल मारते तीन हज़ार छात्र सप्ताह में छः दिन ठीक समय पर पहुँच जाते। कपड़े कम हों …
हिंदी — अगस्त 1947 से 2007 तक…
उस ज़माने के लेखकों कवियों की और आज के लेखकों की वेशभूषा मे में जो अंतर है वही अंतर तब की और अब की भाषा में भी कहा जा सकता …
Global Wordbank–First Steps
An English Hindi Wordbank And the need for a Global Wordbank Arvind Kumar A Global Wordbank, would make the generation of bilingual or multilingual thesauruses of any number of …
Indian tradition of dictionary-making
Nighantu onwards In India, the tradition of glossaries, thesauruses and dictionaries goes back to the Vedic age, between 3000 and 1500 bc. The world’s first-known and extant thesaurus is …
Cross-cultural linguistic tools: Need of the day
We are in the throes of yet another wave of linguistic globalization, first reflected in the exhaustive international editions of Roget”s thesauruses, designed for English-speaking nations. The new world scenario …
बेचारे तुलसीदास ने मार्क्स का कहाँ पढ़ा था!
२० जून २००७ वाक् पत्रिका का प्रवेशांक पढ़ कर संपादक सुधीश को लिखा पत्र ये सब सभी पुराने लेखकों पर चाहे वे तुलसीदास हों या कालीदास या मिल्टन या …
भाषा समाज और मीडिया
लगभग 3,000 भाषाएँ मर रही हैँ. क्योंकि उन का समाज सिमट गया, बोलने वाले कम होते गए. उन का विकास रुद्ध हो गया. हमारे यहाँ ऐसा रुकाव सिमटाव …
अँगरेजी हिंदी मौसेरी बहनें
अब दोनों नई राह पर साथ साथ चलें… हम लोग पिछली सदी में अँगरेजी को एक ऐसी विदेशी भाषा के रूप में देखते रहे हैं, जो हम पर लादी गई …
शब्द रथ है भाव का
शब्द रथ है भाव का, विचार का, इस रथ पर सवार हो कर बात एक आदमी से दूसरे तक पहुँचती है. इस रथ पर सवार हो कर ज्ञान और विज्ञान …
सनातन धर्म – विरोघियोँ के प्रति सहनशीलता
सनातन जीवन शैली अपने अवलंबियों के सामने स्वतंत्र चिंतन के लिए अनंत, असीम और उन्मुक्त आकाश रखती है और एक अनोखी उदारता. यह संसार की सभी विचार धाराओं …
शब्देश्वरी–यह पौराणिक नामों का संकलन
शब्देश्वरी–यह पौराणिक नामों का संकलन है. इस में ईश्वर, आत्मा, देह, पुरुष आदि से ले कर त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, विष्णु के सभी प्रमुख अवतार, महेश/शिव) के, देवयोनियों में अप्सराओं …
गीता का मेरा हिंदी अनुवाद
गीता तथा अन्य प्राचीन भारतीय धर्म ग्रंथोँ के ऐसे अनुवाद नहीँ मिलते जिन मेँ व्याख्या न हो, भाष्य न हो. जो मात्र अनुवाद होँ, शुद्ध अनुवाद होँ. सच्चे होँ और …
हिन्दी समांतर कोश: एक विराट प्रयास
अक्टुबर 2006 | निधि हिन्दी समांतर कोश: एक विराट प्रयास अरविंद व कुसुम कुमार के 20 साल के अथक परिश्रम का परिणाम है यह वृहद कोश लेखकः अनूप शुक्ला …
साहित्य का ही अंग है सिनेमा
हिंदी वालोँ ने अपने अहंकार मेँ इल्मी और फ़िल्मी जैसे मुहावरे गढ़ कर जनमानस मेँ अजीब और ग़लत समझ पैदा कर दी. फ़िल्म को घटिया और रद्दी कला मान कर …
रुकना मेरा काम नहीं
दास्ताने अरविंद मैं एक साप्ताहिक समाचार पत्र में काम कर रहा था। उसकी दो-तीन प्रतियां ले गया था। वे अरविंदजी को दीं। वह त्यागीजी से अधिक मुझसे बात करते रहे। …
मल्टीप्लैक्स क्रांति
जितना बड़ा सिनेमाघर होता, उतने ही ज्यादा दर्शकोँ की दरकार होगी. जितने ज़्यादा दर्शक फ़िल्म को सफल करने के लिए चाहिएँ, उतनी ही उन लोगोँ की पसंद पर हमारी …
मनुष्य की सब से बड़ी उपलब्धि
शब्द मनुष्य की सब से बड़ी उपलब्धि हैँ, प्रगति के साधन और ज्ञान विज्ञान के भंडार हैँ. शब्दोँ की शक्ति अनंत है. संस्कृत के महान वैयाकरणिक महर्षि पतंजलि का कथन …
आंद्या, इंदिज्स्की, ऐंत्क्सग, खिंदी… क्या हैँ ये सब?
क्या हैँ ये सब? आंद्या, इंदिज्स्की, ऐंत्क्सग, खिंदी, चिंदी, चिंद्ज़ी, खिंदी, तिएंग हिन-दी, यिन दी यू, हिंदिह्श्चिना, ह्योनद्विसफ़्… जी हाँ हिंदी! हिंदू शब्द की ही तरह हिंदी शब्द भारत …
कोशकारिता में हम बहुत पीछे हैँ, थे नहीँ
कोशोँ के निर्माण के पीछे सामाजिक सांस्कृति उद्देश्य होते हैँ. कई बार ये उद्देश्य धार्मिक और राजनीतिक होते हैँ. सर मोनिअर-विलियम्स ने लिखा है कि संस्क़त के अध्ययन और …
कभी कला वि-मल थी, अब स-मल है
कला वह है जो कलाकार करें और हम अ-कलाकारों पर थोपें क्योंकि उनकी हर करनी को कला कहने और पुरस्कारने वाले कलामर्मज्ञ मौजूद हैं. आप और हम मूरख बनें तो …
अमरीका 1907 मेँ : भारत 2047 मेँ…
सन 1947 का भारत हम मेँ से बहुत सारे लोगोँ को अभी तक तक याद है. 2047 का भारत कैसा होगा? और आज का अमरीका भी हम जानते हैँ, चित्रोँ …
Mankind’s greates achievement
Words are mankind’s greatest achievement. They drive all progress and contain all our knowledge and sciences. Words wield enormous power. In the words of the great Sanskrit grammarian …
हिंदी मेँ पूर्णकालिक लेखन… असंभव!
हिंदी ही क्या संसार की किसी भी भाषा मेँ पूर्णकालिक लेखन के सहारे आर्थिक स्वावलंबिता केवल कुछ ही के लिए संभव है. अँगरेजी मेँ, यूरोप के संपन्न देशोँ की …