बचपन में मैं तख़्ती पर मुलतानी मिट्टी पोत कर उसे हिला हिला कर सुखाता था और फिर बुदके में क़लम डूबो कर काली स्याही से लिखता था, तो वह भी …
समांतर कोश के इक्कीस साल–भाग – 1
भाग एक -13 दिसंबर 2017. नई दिल्ली. इक्कीस साल पहले 13 दिसंबर 1996 के पूर्वाह्न कुसुम और मैँ ने तत्कालीन राष्ट्रपति डाक्टर शंकर दयाल को ‘समांतर कोश – हिंदी थिसारस’ …
‘समांतर कोश’ नाम कैसे बना
कमलेश्वर का योगदान हिंदी थिसारस का नाम समांतर कोश कैसे बना इस की भी एक कहानी है. इस पर काम शुरू किया था तो हम ने इस का नाम रखा …
आँखेँ बहुत कुछ कहती हैँ, लाल अंगारा हो जाती हैँ, और हम आँख दिखाते हैँ
आँख चर्चा – 4 आँखेँ तरेरना: क्रोध से आँखेँ निकाल कर देखना. क्रोध की दृष्टि से देखना. उ.—सुनि लछिमन बिहँसे बहुरि नयन तरेरे राम. —मानस आँख तले न …
आँख खुलना, आँख खोलना और आँखेँ चार होना
आँख चर्चा – 3 आँख खुलना: (1) पलक खुलना. परस्पर मिली या चिपकी हुई पलकोँ का अलग हो जाना; जैसे—(क) बच्चे की आँखेँ धो डालो तो खुल जाएँ. …
दोनों आँखेँ बराबर हैँ
आँख चर्चा – 2 आँख. (1) ध्यान. लक्ष्य. जैसे उन की आँख बुराई ही पर रहती है. आँख. (2) विचार. विवेक परख. शिनाख़्त जैसे— (क) उस के आँख नहीँ …
दाहिनी आँख है इंद्र, तो बाईं है इंद्राणी
आँखेँ हमारे चेहरे का सब से आकर्षक अंग हैँ. आँख को नयन भी कहते हैँ, जिस का मतलब है ले जाने वाला. इस से हम देख न पाएँ तो कहीँ …
दाहिनी आँख है इंद्र, तो बाईं है इंद्राणी
आँख चर्चा – 1 आँखेँ हमारे चेहरे का सब से आकर्षक अंग हैँ. आँख को नयन भी कहते हैँ, जिस का मतलब है ले जाने वाला. इस से हम …
शब्द की नाव में, भाषा की नदी का सौंदर्य और बिंब विधान रचते अरविंद कुमार
–दयानंद पांडेय अरविंद कुमार संघर्ष, मेहनत, सज्जनता, सहजता, विनम्रता और विद्वता का संगम देखना हो तो अरविंद कुमार से मिलिए। मैं मिला था उन से पहली बार 1981 …
क्या है शब्दवेध
शब्दवेध भारत को थिसारस देने वाले अरविंद कुमार की नई किताब है. शब्दवेध अरविंद कुमार की शब्दोँ के संसार …
शब्दवेध–क्या, किस के लिए
शब्दवेध: क्योँ, किस के लिए शब्दवेध सब के लिए एक अत्यंत रोचक सत्यकथा है. कैसे कोई अपनी मेहनत और लगन के, निष्ठा, संकल्प और प्रतिबद्धता के बल पर कमतरीन से …
Relevance of ShabdVedh
ShabdVedh is an interesting story for all. It shows how one can rise above the worst of circumstances, dream, and with complete diligence and dedication, work towards fulfilling …
What is ShabdVedh
What is ShabdVedh? ShabdVedh is the latest book by India’s Thesaurus Man Arvind Kumar. Shabdvedh is the story of Arvind’s 70-year journey in the creative world of words. A journey …
करामाती कोशकार
मंज़िल दूर होती गई, इरादा मज़बूत होता गया मोहन शिवानंद (रीडर्स डाइजेस्ट के भारतीय संस्करण के प्रधान संपादक हैं) प्रकाशनालय दिल्ली प्रैस का वह नौजवान पत्रकार अरविंद कुमार हिंदी कहानी …
ईश्वर
ईश्वर ईश्वर कहो, भगवान कहो, अल्लाह या गौड या कुछ और, वह जो भी है या नहीं है, सत्य है या मान्यता, विश्वास है या अंधविश्वास, साकार है या …
SOCIETAL CONTEXT IN AMAR KOSH, ROGET’S THESAURUS, AND SAMANTAR KOSH
A paper written for and read by me at the conference called Language Study and Thesaurus in the World organized by Japan’s National Language Institute, Tokyo, August 1997. …
Peter Mark Roget – a tribute by an inveterate Indian admirer
On his birthday (18 Jan) a tribute by an inveterate Indian admirer Peter Mark Roget left an indelible mark on the world of words By Arvind Kumar Author of Samantar …
हिंदी के ये ख़ास कोश
अरविंद कुमार मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि सच्चे और सटीक शब्द न डाक्टर रघुबीर बना सकते थे, न भारत सरकार का कोई आयोग. ये शब्द वे बनाते …
अरविंद लैक्सिकन की मानक हिंदी वर्तनी
अरविंद लैक्सिकन मेँ हिंदी वर्तनी को पूरी तरह मानक और प्रामाणिक रखने की कोशिश की गई है. आज हिंदी पढ़ने वाले ‘अं’ ‘अँ’, ‘हंस’ ‘हँस’ की ही तरह ‘क’ ‘क़’, …
भाषा पर विवाद – अच्छे हैँ
अनुराग के प्रश्नोँ के उत्तर Ø भारत में समय-समय पर भाषा को लेकर विवाद उठता रहता है। इसका क्या समाधान है? भाषा पर विवाद उठते …
डाक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह
‘सर जी’ आम आदमी की भाषा में पूछा जा सकता है कि पुष्पक विमान थे, तो कहीं दो पहियों वाली छोटी सी काम की सवारी साइकिल का ज़िक्र तक कहीं …
कैरियर और अकादमिक लेखन
मुझ से प्रश्न अँगरेजी मेँ पूछे गए थे. कारण था प्रश्नकर्ता के पास यूनिकोड हिंदी फ़ौंट न होना. मेरे उत्तर हिंदी मेँ होने थे, और हैं · Career opportunities …
हिंदी के बारे मेँ कुछ अकारण चिंताएँ
सीधे आज की बात करें. शुद्धताप्रेमी भाषाविदों में आज गहरी चिंता व्याप रही है–हिंदी न्यूज़पेपर और टीवी चैनल अँगरेजी से लार्जस्केल पर वर्ड इंपोर्ट कर के हिंदी को अशुद्ध …
भाषा पर विवाद – अच्छे हैँ
अनुराग के प्रश्नोँ के उत्तर Ø भारत में समय-समय पर भाषा को लेकर विवाद उठता रहता है। इसका क्या समाधान है? भाषा पर विवाद उठते …
हिंदी रुकने वाली नहीं है, रुकेगी नहीं
हिंदी–दशा और दिशाएँ… ऐसा नहीँ हैँ कि आज लोग हिंदी का महत्त्व नहीँ जानते या हिंदी की प्रगति और विकास रुक गया है या रुक जाएगा। मैं समझता हूँ कि …
- Page 1 of 2
- 1
- 2