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सूचना प्रौद्योगिकी और हिंदी

In Culture, Dictionary, English, Hindi, Language, ShabdaVedh by Arvind KumarLeave a Comment

बचपन में मैं तख़्ती पर मुलतानी मिट्टी पोत कर उसे हिला हिला कर सुखाता था और फिर बुदके में क़लम डूबो कर काली स्याही से लिखता था, तो वह भी …

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समांतर कोश के इक्कीस साल–भाग – 1

In Arvind Lexicon, Culture, Dictionary, English, Hindi, History, Language, Languages, Memoirs, People, Sanskrit, Thesaurus by Arvind KumarLeave a Comment

भाग एक -13 दिसंबर 2017. नई दिल्ली. इक्कीस साल पहले 13 दिसंबर 1996 के पूर्वाह्न कुसुम और मैँ ने तत्कालीन राष्ट्रपति डाक्टर शंकर दयाल को ‘समांतर कोश – हिंदी थिसारस’ …

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‘समांतर कोश’ नाम कैसे बना

In Arvind Lexicon, Books, Culture, Dictionaries, Dictionary, Hindi, Language, Literature, Memoirs, People, People by Arvind KumarLeave a Comment

कमलेश्वर का योगदान हिंदी थिसारस का नाम समांतर कोश कैसे बना इस की भी एक कहानी है. इस पर काम शुरू किया था तो हम ने इस का नाम रखा …

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आँखेँ बहुत कुछ कहती हैँ, लाल अंगारा हो जाती हैँ, और हम आँख दिखाते हैँ

In Culture, Hindi, Language, Lifestyle, Literature by Arvind KumarLeave a Comment

  आँख चर्चा – 4   आँखेँ तरेरना: क्रोध से आँखेँ निकाल कर देखना. क्रोध की दृष्टि से देखना. उ.—सुनि लछिमन बिहँसे बहुरि नयन तरेरे राम. —मानस आँख तले न …

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आँख खुलना, आँख खोलना और आँखेँ चार होना

In Culture, Hindi, Language, Learning, Life style, Literature by Arvind KumarLeave a Comment

आँख चर्चा –  3     आँख खुलना: (1) पलक खुलना. परस्पर मिली या चिपकी हुई पलकोँ का अलग हो जाना; जैसे—(क) बच्चे की आँखेँ धो डालो तो खुल जाएँ. …

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दाहिनी आँख है इंद्र, तो बाईं है इंद्राणी

In Culture, Dictionary, Hindi, Language, Literature by Arvind KumarLeave a Comment

आँखेँ हमारे चेहरे का सब से आकर्षक अंग हैँ. आँख को नयन भी कहते हैँ, जिस का मतलब है ले जाने वाला. इस से हम देख न पाएँ तो कहीँ …

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दाहिनी आँख है इंद्र, तो बाईं है इंद्राणी

In Culture, Hindi, Language, Literature, Word Power by Arvind KumarLeave a Comment

आँख चर्चा – 1   आँखेँ हमारे चेहरे का सब से आकर्षक अंग हैँ. आँख को नयन भी कहते हैँ, जिस का मतलब है ले जाने वाला. इस से हम …

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शब्द की नाव में, भाषा की नदी का सौंदर्य और बिंब विधान रचते अरविंद कुमार

In Culture, Journalism, Language, Memoirs, Reader's Digest by Arvind KumarLeave a Comment

–दयानंद पांडेय   अरविंद कुमार   संघर्ष, मेहनत, सज्जनता, सहजता, विनम्रता और विद्वता का संगम देखना हो तो अरविंद कुमार से मिलिए। मैं मिला था उन से पहली बार 1981 …

शब्दवेध–क्या, किस के लिए

In Cinema, Culture, Drama, Hindi, History, Journalism, Language, Literature, Memoirs, People, Poetry by Arvind KumarLeave a Comment

शब्दवेध: क्योँ, किस के लिए शब्दवेध सब के लिए एक अत्यंत रोचक सत्यकथा है. कैसे कोई अपनी मेहनत और लगन के, निष्ठा, संकल्प और प्रतिबद्धता ​के बल पर कमतरीन से …

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करामाती कोशकार

In Dictionary, English, English, Hindi, Hindi, History, Journalism, Language, Literature, Memoirs, People, Thesaurus by Arvind KumarLeave a Comment

मंज़िल दूर होती गई, इरादा मज़बूत होता गया मोहन शिवानंद (रीडर्स डाइजेस्ट के भारतीय संस्करण के प्रधान संपादक हैं) प्रकाशनालय दिल्ली प्रैस का वह नौजवान पत्रकार अरविंद कुमार हिंदी कहानी …

हिंदी के ये ख़ास कोश

In Books, Dictionaries, Hindi, History, Language, Thesaurus, Word Power by Arvind KumarLeave a Comment

अरविंद कुमार मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि सच्चे और सटीक शब्द न डाक्टर रघुबीर बना सकते थे, न भारत सरकार का कोई आयोग. ये शब्द वे बनाते …

अरविंद लैक्सिकन की मानक हिंदी वर्तनी

In Culture, Dictionary, Hindi, Language by Arvind KumarLeave a Comment

अरविंद लैक्सिकन  मेँ हिंदी वर्तनी को पूरी तरह मानक और प्रामाणिक रखने की कोशिश की गई है. आज हिंदी पढ़ने वाले ‘अं’ ‘अँ’, ‘हंस’ ‘हँस’ की ही तरह ‘क’ ‘क़’, …

कैरियर और अकादमिक लेखन

In Culture, Language, Literature by Arvind KumarLeave a Comment

मुझ से प्रश्न अँगरेजी मेँ पूछे गए थे. कारण था प्रश्नकर्ता के पास यूनिकोड हिंदी फ़ौंट न होना. मेरे उत्तर हिंदी मेँ होने थे, और हैं   ·        Career opportunities …

हिंदी के बारे मेँ कुछ अकारण चिंताएँ

In Culture, History, Journalism, Language, Literature by Arvind KumarLeave a Comment

  सीधे आज की बात करें. शुद्धताप्रेमी भाषाविदों में आज गहरी चिंता व्याप रही है–हिंदी न्यूज़पेपर और टीवी चैनल अँगरेजी से लार्जस्केल पर वर्ड इंपोर्ट कर के हिंदी को अशुद्ध …

हिंदी रुकने वाली नहीं है, रुकेगी नहीं

In Culture, History, Journalism, Language, Literature by Arvind KumarLeave a Comment

हिंदी–दशा और दिशाएँ… ऐसा नहीँ हैँ कि आज लोग हिंदी का महत्त्व नहीँ जानते या हिंदी की प्रगति और विकास रुक गया है या रुक जाएगा। मैं समझता हूँ कि …