इंग्लिश में मुहावरा है – रूल आफ़ थंब (rule of thumb). (संकलित) A rule of thumb is a principle with broad application that is not intended to be strictly accurate …
मैं भी प्रवासी हूं- रवीश कुमार
(गर्भनाल पत्रिका से साभार) बचपन से पहचान का यह सवाल परेशान करता रहा है। जब पटना शहर से गांव जाता था तो लोग ताने देते थे। बबुआ शहरी हो गया …
कोटणीस-चिंगलान का संगम एक बार फिर हिंद-चीन का संगम बन सकता है
अपने प्यारे ‘के दिहुआ’ की समाधि पर चीन के लोग अभी तक फूल चढ़ाते हैं. वह था महाराष्ट्र के शोलापुर मेँ जन्मा हमारा डाक्टर कोटणीस जिस के जीवन पर वी. …
कोटणीस-चिंगलान पर भारत-चीन अब तीसरी फ़िल्म बनाएँ
अपने प्यारे ‘के दिहुआ’ की समाधि पर चीन के लोग अभी तक फूल चढ़ाते हैं. वह था महाराष्ट्र के शोलापुर मेँ जन्मा हमारा डाक्टर कोटणीस जिस के जीवन पर वी. …
जब वी मैट: राज कपूर और मैँ – पहली बार
-अरविंद कुमार नवंबर 1963. शाम के लगभग चार-पाँच बजे. आर.के. स्टूडियो के कार्यालय ब्लाक मेँ शैलेंद्र जी और मैँ ज़ीना चढ़ कर बाल्कनी पहुँचे. बाईं ओर शुरू मेँ और अंत …
राज कपूर देह थे तो शैलेंद्र उन की आत्मा
–अरविंद कुमार चौदह दिसंबर – शैलेंद्र के प्रयाण और राज कपूर के जन्म दिवस पर विशेष ‘माधुरी’ का संपादक बन कर मैँ जब 1963 मेँ बंबई पहुँचा तो मेरी पसंद …
समांतर कोश के इक्कीस साल–भाग – 1
भाग एक -13 दिसंबर 2017. नई दिल्ली. इक्कीस साल पहले 13 दिसंबर 1996 के पूर्वाह्न कुसुम और मैँ ने तत्कालीन राष्ट्रपति डाक्टर शंकर दयाल को ‘समांतर कोश – हिंदी थिसारस’ …
‘समांतर कोश’ नाम कैसे बना
कमलेश्वर का योगदान हिंदी थिसारस का नाम समांतर कोश कैसे बना इस की भी एक कहानी है. इस पर काम शुरू किया था तो हम ने इस का नाम रखा …
मेरे पापा का बचपन – मीता लाल
मेरे पापा का बचपन – मीता लाल शब्दोँ के अनंत पथ के राही मेरे पापा अरविंद कुमार के रथ मेँ चार पहिए हैँ – सपना, संकल्प, सूझबूझ, और साधना. पापा …
सर्वोत्तम संपादक अरविंद कुमार – लेखक: दयानंद पांडेय
(दयानंद हद से ज़्यादा सहजदिल बंदा है. जो बात उस मेँ ख़ास है, वह है रीकाल recall – ऐसी छोटी छोटी चीज़ेँ याह रख पाना और फिर वक़्त पड़ने पर …
मेरे पापा का बचपन–मीता लाल
मेरे पापा का बचपन शब्दोँ के अनंत पथ के राही मेरे पापा अरविंद कुमार के रथ मेँ चार पहिए हैँ – सपना, संकल्प, सूझबूझ, और साधना. पापा कहते हैँ उन …
शब्दवेध–क्या, किस के लिए
शब्दवेध: क्योँ, किस के लिए शब्दवेध सब के लिए एक अत्यंत रोचक सत्यकथा है. कैसे कोई अपनी मेहनत और लगन के, निष्ठा, संकल्प और प्रतिबद्धता के बल पर कमतरीन से …
What is ShabdVedh
What is ShabdVedh? ShabdVedh is the latest book by India’s Thesaurus Man Arvind Kumar. Shabdvedh is the story of Arvind’s 70-year journey in the creative world of words. A journey …
Shiva Ayyadurai – the email inventor
As a high school student in 1978, he developed a full-scale emulation of the interoffice mail system, which he called “EMAIL” and copyrighted in 1982. That name’s resemblance to the …
चौदह साल की उमर मेँ दुनिया बदल डालने वाला शिव अय्यादुरै
The Indian who invented email Meet Shiva Ayyadurai By Leslie P. Michelson, Ph.D. Director of High Performance and Research Computing Rutgers Medical School Nearly 35 years …
The Indian who invented email
Shiva Ayyadurai By Leslie P. Michelson, Ph.D. Director of High Performance and Research Computing Rutgers Medical School Nearly 35 years have passed since V.A. Shiva Ayyadurai …
करामाती कोशकार
मंज़िल दूर होती गई, इरादा मज़बूत होता गया मोहन शिवानंद (रीडर्स डाइजेस्ट के भारतीय संस्करण के प्रधान संपादक हैं) प्रकाशनालय दिल्ली प्रैस का वह नौजवान पत्रकार अरविंद कुमार हिंदी कहानी …
क्योँ न फटा धरती का कलेजा, क्योँ न फटा आकाश
—अरविंद कुमार दिन 1 – 1963 आर. के. स्टूडियोज़ के मुख्य ब्लाक में पहली मंज़िल पर छोटे से फ़िल्म संपादन कक्ष में राज कपूर और मैं नितांत अकेले थे. उन …
आइंस्टाइन – बात टिकट की नहीँ है
प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टाइन के बारे में मशहूर है यह क़िस्सा— उस साल उन्हें टाइम पत्रिका ने शताब्दी मानव घोषित किया था. वह प्रिंसटन से रेलगाड़ी में सफ़र कर रहे …
अरविंद कुमार का शब्दों का जुनून अभी तक कम नहीं हुआ
–अनुराग ‘कर्म करना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. हमारा कर्म सफल होगा या नहीं, हमें इस की तो परवाह करनी ही नहीं चाहिए, हम काम पूरा कर पाएँगे या नहीँ– इस …
अरविंद कुमार को शलाका सम्मान: PTI
पीटीआई-भाषा संवाददाता 20:41 HRS IST नयी दिल्ली, 16 जून :भाषा: हिन्दी अकादमी, दिल्ली ने वर्ष 2010-11 के कुल आठ सम्मानों की घोषणा कर दी। इस वर्ष समांतर कोश …
शब्दशक्ति के साधक शलाका पुरुष अरविंद कुमार
Figure 1 अरविंद कुमार “शब्द मनुष्य की सब से बड़ी उपलब्धि हैँ, प्रगति के साधन और ज्ञान विज्ञान के भंडार हैँ, शब्दोँ की शक्ति अनंत है.” यह कहना …
अरविंद कुमार हिंदी अकादमी श्लाका सम्मान से सम्मानित
बाल श्रमिक से शब्दाचार्य तक की यात्रा : हम नींव के पत्थर हैं तराशे नहीं जाते। सचमुच अरविंद कुमार नाम की धूम हिंदी जगत में उस तरह नहीं है जिस …
एक सार्थक और प्रेरक ज़िंदगी जी है अरविंद कुमार ने
Figure 1 – तत्कालीन राष्ट्रपति डा. शंकर दयाल शर्मा को समांतर कोश की पहली प्रति भेंट करते अरविंद कुमार दंपति. 13 दिसंबर 1996. यह अरविंद कुमार की पहली प्रकाशित …
दारा शुकोह
इतिहास का उलझा सवाल دارا شكوه रंगीन मुग़ल त्रासदी शाह आलम के बाद दाराशुकोह श्री मेवाराम का दूसरा उपन्यास है. दोनोँ का विषय मुग़लिया हिंदुस्तान है. उपन्यास मेँ लेखक का …