हंस – मई 1991 अंक श्रव्य और दृश्य भाषा का हथियार ले कर मानव संपूर्ण सृष्टि की विजय यात्रा पर निकल पड़ा… आज किसी भी भाषा मेँ जो भी शब्द …
आँखेँ बैठती हैं, आँखोँ बैठते हैँ, आँख मारते हैँ, आँख लड़ाते हैँ, और तो और आँखोँ मेँ रहते हैँ, आँखोँ मेँ बसाते भी हैँ, आँख होती भी है
आँख चर्चा – 5 आँख बैठना : (1) आँख का भीतर की ओर धँस जाना. चोट या रोग आँख का डेला गड़ जाना (2) आँख फूटना. आँख भर आना …
आँखेँ बहुत कुछ कहती हैँ, लाल अंगारा हो जाती हैँ, और हम आँख दिखाते हैँ
आँख चर्चा – 4 आँखेँ तरेरना: क्रोध से आँखेँ निकाल कर देखना. क्रोध की दृष्टि से देखना. उ.—सुनि लछिमन बिहँसे बहुरि नयन तरेरे राम. —मानस आँख तले न …
नवरात्र, दुर्गा, काली, पार्वती
गुरुवार, 25 सितम्बर 2014 आज से नवरात्र, दुर्गा पूजा शुरू हो गए. दशहरा सिर पर आ गया. हर ओर हँसी ख़ुशी मौज मस्ती का आलम है. कहीँ डांडिया रास शुरू …
Shiva Ayyadurai – the email inventor
As a high school student in 1978, he developed a full-scale emulation of the interoffice mail system, which he called “EMAIL” and copyrighted in 1982. That name’s resemblance to the …
चौदह साल की उमर मेँ दुनिया बदल डालने वाला शिव अय्यादुरै
The Indian who invented email Meet Shiva Ayyadurai By Leslie P. Michelson, Ph.D. Director of High Performance and Research Computing Rutgers Medical School Nearly 35 years …
The Indian who invented email
Shiva Ayyadurai By Leslie P. Michelson, Ph.D. Director of High Performance and Research Computing Rutgers Medical School Nearly 35 years have passed since V.A. Shiva Ayyadurai …
When was the first pressure cooker made?
Pressure cooking is the process of cooking food, using water or other cooking liquid, in a sealed vessel—known as a pressure cooker, which does not permit air or liquids to …
पुराने जहाज़ का नया उपयोग
The new Sea Legs That is great use of the ship, beautiful This ship originally transported iron and coal for Ford Motor Company; The interior was designed by …
ज़नानख़ाना
वर्ड पावर – word power ज़नानख़ाना कभी हर घर मेँ हुआ करता था. यानी मकान का वह भाग जहाँ स्त्रियाँ रहती थीं, और जहाँ बाहरी मर्दोँ का जाना निषिद्ध होता …
अमरीका 1907 मेँ : भारत 2047 मेँ…
सन 1947 का भारत हम मेँ से बहुत सारे लोगोँ को अभी तक तक याद है. 2047 का भारत कैसा होगा? और आज का अमरीका भी हम जानते हैँ, चित्रोँ …
बेचारे तुलसीदास ने मार्क्स का कहाँ पढ़ा था!
२० जून २००७ वाक् पत्रिका का प्रवेशांक पढ़ कर संपादक सुधीश को लिखा पत्र ये सब सभी पुराने लेखकों पर चाहे वे तुलसीदास हों या कालीदास या मिल्टन या …
बाल श्रमिक से शब्दाचार्य तक की यात्रा
अरविन्द कुमार जितना जटिल काम अपने हाथ में लेते हैं, निजी जीवन में वह उतने ही सरल, उतने ही सहज और उतने ही व्यावहारिक हैं। तो शायद इसलिए भी कि …