(ग्रंथ क्या है यह एक तिलिस्म है. जब तक दूर हैँ, तभी तक सम्मोहन से आप बचे हुए हैँ. एक बार इस तिलिस्म मेँ घुस भर जाइए, फिर उस से …
चलती फ़िल्म चल कर बंबई आ पहुँची!!
चलती फ़िल्म के पहला शो ‘आलीशान हिंद काफ़े’ था, तो जल्दी ही चल कर जल्दी ही हिंद के द्वार बंबई आ पहुँची -26 दिसंबर 1895. पैरिस. ‘ल सालोँ दु इंदीएन् …