View Post

सर्वोत्तम संपादक अरविंद कुमार – लेखक: दयानंद पांडेय

In Books, Dictionaries, English, Hindi, Journalism, Literature, Memoirs, Mumbai, People, Reader's Digest, Thesaurus, Word Power by Arvind KumarLeave a Comment

(दयानंद हद से ज़्यादा सहजदिल बंदा है. जो बात उस मेँ ख़ास है, वह है रीकाल recall – ऐसी छोटी छोटी चीज़ेँ याह रख पाना और फिर वक़्त पड़ने पर …

View Post

शब्द की नाव में, भाषा की नदी का सौंदर्य और बिंब विधान रचते अरविंद कुमार

In Culture, Journalism, Language, Memoirs, Reader's Digest by Arvind KumarLeave a Comment

–दयानंद पांडेय   अरविंद कुमार   संघर्ष, मेहनत, सज्जनता, सहजता, विनम्रता और विद्वता का संगम देखना हो तो अरविंद कुमार से मिलिए। मैं मिला था उन से पहली बार 1981 …

शब्दवेध–क्या, किस के लिए

In Cinema, Culture, Drama, Hindi, History, Journalism, Language, Literature, Memoirs, People, Poetry by Arvind KumarLeave a Comment

शब्दवेध: क्योँ, किस के लिए शब्दवेध सब के लिए एक अत्यंत रोचक सत्यकथा है. कैसे कोई अपनी मेहनत और लगन के, निष्ठा, संकल्प और प्रतिबद्धता ​के बल पर कमतरीन से …

View Post

करामाती कोशकार

In Dictionary, English, English, Hindi, Hindi, History, Journalism, Language, Literature, Memoirs, People, Thesaurus by Arvind KumarLeave a Comment

मंज़िल दूर होती गई, इरादा मज़बूत होता गया मोहन शिवानंद (रीडर्स डाइजेस्ट के भारतीय संस्करण के प्रधान संपादक हैं) प्रकाशनालय दिल्ली प्रैस का वह नौजवान पत्रकार अरविंद कुमार हिंदी कहानी …

अक्षय कुमार जैन

In Culture, Journalism, People by Arvind KumarLeave a Comment

हिंदी के आधुनिकतम पत्रकार अक्षय जी ने कहा कि प्रश्‍न उन की  निजी सहमति या असहमति का था ही नहीँ. प्रश्‍न था कि क्या हमेँ भिन्न विचारोँ और अभिव्यक्‍तियोँ को …

View Post

रुकना मेरा काम नहीं

In Culture, Journalism, Memoirs, People by Arvind KumarLeave a Comment

दास्ताने अरविंद मैं एक साप्ताहिक समाचार पत्र में काम कर रहा था। उसकी दो-तीन प्रतियां ले गया था। वे अरविंदजी को दीं। वह त्यागीजी से अधिक मुझसे बात करते रहे। …

द्रोणवीर कोहली

In Culture, Journalism, Literature, Memoirs, People by Arvind KumarLeave a Comment

जीवन संध्‍या बीज का देरी से सही, बेहतरीन फल देना साइकिलों पर बदहवास पैडल मारते तीन हज़ार छात्र सप्‍ताह में छः दिन ठीक समय पर पहुँच जाते। कपड़े कम हों …

हिंदी के बारे मेँ कुछ अकारण चिंताएँ

In Culture, History, Journalism, Language, Literature by Arvind KumarLeave a Comment

  सीधे आज की बात करें. शुद्धताप्रेमी भाषाविदों में आज गहरी चिंता व्याप रही है–हिंदी न्यूज़पेपर और टीवी चैनल अँगरेजी से लार्जस्केल पर वर्ड इंपोर्ट कर के हिंदी को अशुद्ध …

हिंदी रुकने वाली नहीं है, रुकेगी नहीं

In Culture, History, Journalism, Language, Literature by Arvind KumarLeave a Comment

हिंदी–दशा और दिशाएँ… ऐसा नहीँ हैँ कि आज लोग हिंदी का महत्त्व नहीँ जानते या हिंदी की प्रगति और विकास रुक गया है या रुक जाएगा। मैं समझता हूँ कि …

जाना महावीर अधिकारी का

In Journalism, People by Arvind KumarLeave a Comment

एक औघड़ मलंग की याद में   अधिकारी स्‍वतंत्र भारत के उदय के साथ हिंदी पत्रकारिता में धूमकेतु के समान अचानक उभरे और सिक्‍के पर सिक्‍के जमाते चले गए. ‘नवयुग’ …

हिंदी पत्रकारिता के छह दशक

In Journalism, People, Reviews by Arvind KumarLeave a Comment

एक निजी विहंगावलोकन —अरविंद कुमार टाइम्स आफ़ इंडिया की वे प्रसिद्ध पत्रिकाएँ कहाँ हैँ, जो हिंदी का गौरव कहलाती थीँ. सब बंद हो गईं या कर दी गईं.  हिंदी ही …

भाषा शिक्षण मेँ कोश और थिसारस का उपयोग

In Culture, Journalism, People by Arvind KumarLeave a Comment

अक्षरम् द्वारा आयोजित छठे अंतरराष्ट्रीय उत्सव 1-2-3 फ़रवरी 2008 नई दिल्ली के हिंदी अध्ययन और अनुसंधान सत्र के लिए     मैट्रिक मेँ नवीं कक्षा वाले शास्त्रीजी का नाम मुझे …