शब्दवेध–क्या, किस के लिए

In Cinema, Culture, Drama, Hindi, History, Journalism, Language, Literature, Memoirs, People, Poetry by Arvind KumarLeave a Comment

शब्दवेध: क्योँ, किस के लिए शब्दवेध सब के लिए एक अत्यंत रोचक सत्यकथा है. कैसे कोई अपनी मेहनत और लगन के, निष्ठा, संकल्प और प्रतिबद्धता ​के बल पर कमतरीन से …

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ख़तरोँ का असली खिलाड़ी – अरे बाप रे – कैसा फ़ोटोग्राफ़र, कैसी दीवानगी

In Drama, Life style, Photography by Arvind KumarLeave a Comment

मैँ इस सामग्री का अनुवाद नहीँ कर रहा हूँ. मूल इंग्लिश में ही पढ़ेँ… This is a case of 1 photographer photographing a 2nd photographer. The following photos were taken …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 14 – वन और कंदरा

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १४. वन और कंदरा फ़ाउस्ट (अकेला – ) ओ दैवी सत्ता! मेरा है सृष्टि …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 1 दृश्य 5 – अँधेरा गलियारा

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ५. अँधेरा गलियारा फ़ाउस्ट और मैफ़िस्टोफ़िलीज़. मैफ़िस्टोफ़िलीज़ क्या हुआ? आ धमके – यहाँ भी …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 3 – महल

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ३. महल विशाल राजप्रासाद. चौड़ी गहरी नहर. बहुत बूढ़ा फ़ाउस्ट विचारमग्न है, चहलक़दमी कर …

जूलियस सीज़र. अंक 3. दृश्य 3. एक जनमार्ग

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काटो! काटो! फाड़ो! लाओ ज्‍वाला. ज्‍वाला लाओ, चलो. ब्रूटस को जला दो. कैसियस को फूँक दो. सब को भून दो. जला दो. रोम. एक जनमार्ग. (कवि सिन्ना गाता आता है.) …

विक्रम सैंधव. अंक 2. दृश्य 4. धारावती. शतमन्यु के घर के बाहर

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  यह भनभनाहट सी क्‍या है? दंगे के शोर जैसी? दूर, दुर्ग की ओर.   दुर्ग. शतमन्‍यु के घर के बाहर मार्ग. (रत्‍ना और पिपीलक आते हैँ.)   रत्‍ना दास, …

अंधा युग

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एक प्रस्तुति मन में – तीन प्रस्तुतियाँ मंच पर… –अरविंद कुमार सितंबर १९९२ में मैं ने जब श्री रामगोपाल बजाज निर्देशित राष्‍ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्रों द्वारा अंधा युग की …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 15 – मार्गरेट का कमरा

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १५. मार्गरेट का कमरा अकेली मार्गरेट – चरखा कातते कातते गा रही है. आवत …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 1 दृश्य 6 – दीपोँ से जगमग अनेक विशाल कक्ष

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ६. दीपोँ से जगमग अनेक विशाल कक्ष सम्राट और राजे. विचरणशील दरबार. चैंबरलेन (मैफ़िस्टोफ़िलीज़ …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 5 – आधी रात

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ५. आधी रात चार बूढ़ी खूसट पिशाचनियाँ आती हैँ. पहली मेरा नाम है कमताई… …

जूलियस सीज़र. अंक 4. दृश्य 1. रोम एक भवन

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ब्रूटस और कैसियस कर रहे हैँ शक्ति का संचय. हम भी चेतेँ, अपनी ताक़तेँ मिलाएँ, औरोँ को साथ लाएँ. अज्ञात संकटोँ को समझेँ. रोम. एक भवन. (एंटनी, आक्‍टेवियस और लेपीडस. …

विक्रम सैंधव. अंक 3. दृश्य 1. धारावती. संसद के बाहर

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  यह तू, मनमीत! निष्‍फल है जीना! धारावती. संसद के बाहर. (तूर्यनाद. शंखनाद. विक्रम, शतमन्‍यु, कंक, चाणूर, भगदत्त भट्टारक, महीधर वर्मन, गुणाकर, चंडीचरण, आनंदवर्धन, केतुमाल, नारदानंद, मंगल, गोपाल तथा अन्‍य …

- फ़ाउस्ट : प्रस्तुति -

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      महाकवि योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे कृत जरमन काव्य नाटक फ़ाउस्ट – एक त्रासदी अविकल हिंदी काव्यानुवाद भाग 1 – प्रस्तुति अरविंद कुमार इंटरनैट पर प्रकाशक अरविंद लिंग्विस्टिक्स …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 16 – मार्था का उपवन

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १६. मार्था का उपवन मार्गरेट. फ़ाउस्ट. मार्गरेट वचन दो, हेनरिख. फ़ाउस्ट जो कुछ भी …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 1 दृश्य 7 – विशाल सूरमा कक्ष. मद्धम प्रकाश

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ७. विशाल सूरमा कक्ष. मद्धम प्रकाश सम्राट और दरबारी आ चुके हैँ. घोषक घोषित …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 6 – महल की दीवार के बाहर बड़ा मैदान

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ६. महल की दीवार के बाहर बड़ा मैदान मशालेँ. मैफ़िस्टोफ़िलीज़, लंगूर जैसे नर कंकाल, …

जूलियस सीज़र. अंक 4. दृश्य 2. सार्डिस के निकट छावनी. ब्रूटस के शिविर के सामने.

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कैसियस, आहिस्‍ता बोल. जानता हूँ मैँ तुझे. सेना के सामने कर मित्रतापूर्ण व्‍यवहार. सार्डिस के निकट छावनी. ब्रूटस के शिविर के सामने. (नगाड़ा. ब्रूटस, लूसीलियस, लूसियस और सैनिक आते हैँ. …

विक्रम सैंधव. अंक 3. दृश्य 2. धारावती. नगर चौक. जनमंच

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  सुनो, मेरे देश के लोगो, सुनो. यह पतन विक्रम का नहीँ था. यह पतन मेरा था, आप का था. हम सब पर पंजे फैला रहा था ख़ूनी विश्वासघात.   …

फ़ाउस्ट – भाग 1 आरंभ – समर्पण, मंच पर प्ररोचना – स्वर्ग मेँ पूर्वपीठिका

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      महाकवि योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे कृत जरमन काव्य नाटक फ़ाउस्ट – एक त्रासदी अविकल हिंदी काव्यानुवाद भाग 1 – समर्पण, मंच पर प्ररोचना, स्वर्ग मेँ पूर्वपीठिका अरविंद …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 17 – पनघट पर

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १७. पनघट पर पानी के घड़े लिए मार्गरेट और लीशन. लीशन सुना? बारबरा का? …