अमरीका 1907 मेँ : भारत 2047 मेँ…

In Culture, History, Lifestyle by Arvind KumarLeave a Comment

सन 1947 का भारत हम मेँ से बहुत सारे लोगोँ को अभी तक तक याद है.

2047 का भारत कैसा होगा?

और आज का अमरीका भी हम जानते हैँ, चित्रोँ मेँ देखते रहते हैँ, और जो लोग वहाँ हो आए हैँ वे उस के जलवे बताते नहीँ थकते. उसी अमरीका की सौ साल पहले की हालत की जानकारी इस प्रकार थी. पढ़िए सन 1907 के अमरीका के बारे मेँ कुछ विस्मयकारी जानकारी:

·         औसत जीवन काल 47 वर्ष था.

·         केवल 14 प्रतिशत घरोँ मेँ बाथटब थे.

·         केवल 8 प्रतिशत घरोँ मेँ टेलिफ़ोन थे.

·         पूरे देश मेँ केवल 144 मील पक्की सड़केँ थीँ, कुल जमा 8,000 कारेँ थीँ.

·         शहरोँ मेँ अधिकतम गति सीमा 10 मील प्रति घंटा थी.

·         अमरीकी कारीगरोँ को प्रति घंटा कुल 22 सैंट मिलते थे (1907 के भारत के लगभग कुल दो आने.)

·         उन की वार्षिक आय 200 से 400 डालर थी. तब इतने भारतीय रुपए इस से कहीँ अधिक क़ीमती थे.

·         95 प्रतिशत से अधिक ज़चगी घरोँ मेँ दाइयाँ कराती थीँ.

·         डाक्टरी की कोई विधिवत शिक्षा नहीँ होती थी. 90 प्रतिशत डाक्टर छोटे छोटे औषध स्कूलों मेँ पढ़े होते थे, जिन का स्तर हर दिन अख़बारोँ मेँ निंदा का विषय था.

·         चीनी 4 सैंट मेँ एक पौंड आती थी.  काफ़ी 15 सैंट प्रति पौंड थी. 14 सैंट मेँ एक दर्ज़न अंडे आते थे. काफ़ी 15 सैंट प्रति पौंड थी. (तब भारत मेँ एक आने मेँ इस से कहीँ अधिक माल आता था.)

·         आम तौर पर औरतेँ बाल महीने मेँ एक बार धोती थीँ. बाल धोने के लिए वे बोरैक्स या अंडे के पीले हिस्से का प्रयोग करती थीँ.

·         अमरीका मेँ मृत्यु के पाँच प्रमुख कारण थे:

1.  नमूनिया और इनफ़्लूएँजा,

2.  तपेदिक़,

3.  दस्त,

4.  दिल की बीमारी

5.  दौरा.

·         बीस प्रतिशत वयस्क पढ़ना लिखना नहीँ जानते थे.

·         कुल 6 प्रतिशत अमरीकी मैट्रिक पास होते थे.

·         मारीह्वाना, हेरोइन और मार्फ़ीन दवाओँ की दुकानोँ पर खुले आम बेरोकटोक मिलती थी. कहा जाता था कि हेरोइन रंग साफ़ करती है, दिमाग़ उत्तेजित करती है, पेट साफ़ करती है–सेहत की बेहतरीन रखवाली करती है.

 

हम जानते हैँ 1947 हमेँ कैसा कटा फटा जर्जर भारत मिला था. हम जानते हैँ हम आज कहाँ हैँ. कल्पना कीजिए प्रगति की ऐसी ही गति रही और हमेँ राजनीतिक, सामरिक और सामाजिक शांति और श्रम के पचास साल और मिल जाएँ तो आज़ादी के सौ साल बाद 2047 मेँ भारत कहाँ होगा!

(यह सामग्री 2007 मेँ लिखी गई थी. पर आज भी पठनीय है. –अरविंद कुमार)

 

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©अरविंद कुमार

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