शब्दवेध–क्या, किस के लिए

In Cinema, Culture, Drama, Hindi, History, Journalism, Language, Literature, Memoirs, People, Poetry by Arvind KumarLeave a Comment

शब्दवेध: क्योँ, किस के लिए शब्दवेध सब के लिए एक अत्यंत रोचक सत्यकथा है. कैसे कोई अपनी मेहनत और लगन के, निष्ठा, संकल्प और प्रतिबद्धता ​के बल पर कमतरीन से …

View Post

ख़तरोँ का असली खिलाड़ी – अरे बाप रे – कैसा फ़ोटोग्राफ़र, कैसी दीवानगी

In Drama, Life style, Photography by Arvind KumarLeave a Comment

मैँ इस सामग्री का अनुवाद नहीँ कर रहा हूँ. मूल इंग्लिश में ही पढ़ेँ… This is a case of 1 photographer photographing a 2nd photographer. The following photos were taken …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 11 – गली

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार   ११. गली फ़ाउस्ट. मैफ़िस्टोफ़िलीज़. फ़ाउस्ट सब ठीकठाक? क्या है समाचार? मैफ़िस्टोफ़िलीज़ वाह! क्या …

View Post

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 1 दृश्य 2 – सम्राट का दुर्ग

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार २. सम्राट का दुर्ग राज दरबार. सामंत परिषद सम्राट की प्रतीक्षा मेँ. तुरही. भाँति …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 4 दृश्य 3 – विद्रोही सम्राट का शिविर

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ३. विद्रोही सम्राट का शिविर सिंहासन. समृद्ध परिवेश. छीनझपट. लुटेरी बंजारन. लुटेरी बंजारन सब …

जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 4. रोम उसी मार्ग का एक अन्य भाग. ब्रूटस के घर के बाहर

In Culture, Drama, History, Poetry, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

कहना है – सावधान रहेँ मित्रोँ से. उसी मार्ग का एक अन्‍य भाग, ब्रूटस के घर के बाहर. (पोर्शिया और लूसियस आते हैँ.) पोर्शिया दास, जा. संसद भवन तक हो …

विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 3. धारावती. एक राजमार्ग

In Adaptation, Culture, Drama, Fiction, Poetry by Arvind KumarLeave a Comment

  हो चुकी है आधी रात. भोर होने से पहले जगाना है शतमन्यु महान को. कल होने से पहले साथी बनाना है उन को.   धारावती. एक राजमार्ग. (रात. बिजली. …

जूलियस सीज़र – पात्रावली

In Culture, Drama by Arvind KumarLeave a Comment

जूलियस सीज़र नाटक के सभी पात्रोँ के नाम तथा दृश्य स्थलोँ की सूची जूलियस सीज़र   जूलियस सीज़र की मृत्‍यु के बाद त्र्यंवीर आक्‍टेवियस सीज़र मार्कस एंटोनियस एम. ऐमिल लेपिडियस …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 12 – उपवन

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १२. उपवन फ़ाउस्ट की बाँहोँ मेँ बाँहेँ डाले मार्गरेट, मैफ़िस्टोफ़िलीज़ के साथ मार्था. इस …

View Post

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 1 दृश्य 3 – एक विशाल हाल

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ३. एक विशाल हाल उस से जुड़े हैँ कई कक्ष… मुखौटोँ के नाच के …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 1 – खुला मैदान

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १. खुला मैदान यात्री वही पुरातन लिंडन फहराते वय मेँ वृद्ध, गहन छतनारे. लहराते …

जूलियस सीज़र. अंक 3. दृश्य 1. रोम संसद के बाहर

In Culture, Drama, History, Poetry, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

जाने कितने युगोँ तक यह दृश्‍य दोहराएँगे लोग अजन्‍मे राज्‍योँ मेँ, अनजानी भाषा मेँ जाने कितनी बार बहेगा सीज़र का लहू छूना चाहता था आकाश पड़ा है धरती पर माटी …

विक्रम सैंधव. अंक 2. दृश्य 2. धारावती. शतमन्यु का उपवन

In Adaptation, Culture, Drama, Fiction, Poetry by Arvind KumarLeave a Comment

  द्रोह, यूँ मुँह मत छिपा अपना. छिपा ले अपने को दोस्‍ताने मेँ, मुस्‍कान मेँ. नहीँ तो छिप नहीँ सकेगा तू गहरे पाताल मेँ.   धारावती. शतमन्‍यु का उपवन. (शतमन्‍यु …

जूलियस सीज़र – प्रस्तुति

In Culture, Drama by Arvind KumarLeave a Comment

प्रस्‍तुत है महाकवि विलियम शैक्‍सपीयर के प्रसिद्ध नाटक जूलियस सीज़र  का हिंदी काव्‍यानुवाद… सीज़र की कहानी हम भारतीयोँ को बिल्‍कुल अपनी सी लगती है. शायद हमेँ इस मेँ महाभारत की …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 13 – उपवन मेँ कुंज

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १३. उपवन मेँ कुंज आँखमिचौनी सी खेलती हँसती खिलखिलाती मार्गरेट दौड़ कर आती है. …

View Post

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 1 दृश्य 4 – क्रीड़ा उपवन – सुबह की धूप

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ४. क्रीड़ा उपवन – सुबह की धूप सम्राट, दरबारी, उच्च जन और महिलाएँ. फ़ाउस्ट …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 2 – वाटिका

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार २. वाटिका तीनोँ भोजन की मेज़ पर – बौकिस मौन हो? नहीँ है खाने …

जूलियस सीज़र. अंक 3. दृश्य 2. रोम जनमंच

In Culture, Drama, History, Poetry, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

ठेस लगती थी किसी निर्धन को, तो रोता था सीज़र. सत्ता का लालची क्‍या होता है कोमल? ब्रूटस कहते हैँ सीज़र लालची था सत्ता का. ब्रूटस ठहरे परम आदरणीय…! जनमंच. …

विक्रम सैंधव. अंक 2. दृश्य 3. धारावती. दुर्ग प्राचीर के निकट

In Culture, Drama, Fiction, Poetry, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

न पढ़ पाया – तो हरि की इच्‍छा!   धारावती. दुर्ग प्राचीर के निकट मार्ग. (नारदानंद आता है. वह एक पत्र पढ़ रहा है.) नारदानंद विक्रम, शतमन्‍यु से सावधान. कंक …

विक्रम सैंधव – प्रस्तुति

In Adaptation, Culture, Drama, Languages, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

  सभी भारतीय छंदोँ के संदर्भ मेँ जब कभी मैँ अँगरेजी भाषा मेँ आयंबिक पैंटामीटर के सफल उपयोग को देखता तो मुझे भारतीय, विशेषकर हिंदी, छंदोँ मेँ एक सीमा नज़र …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 14 – वन और कंदरा

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १४. वन और कंदरा फ़ाउस्ट (अकेला – ) ओ दैवी सत्ता! मेरा है सृष्टि …