शब्दवेध–क्या, किस के लिए

In Cinema, Culture, Drama, Hindi, History, Journalism, Language, Literature, Memoirs, People, Poetry by Arvind KumarLeave a Comment

शब्दवेध: क्योँ, किस के लिए शब्दवेध सब के लिए एक अत्यंत रोचक सत्यकथा है. कैसे कोई अपनी मेहनत और लगन के, निष्ठा, संकल्प और प्रतिबद्धता ​के बल पर कमतरीन से …

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ख़तरोँ का असली खिलाड़ी – अरे बाप रे – कैसा फ़ोटोग्राफ़र, कैसी दीवानगी

In Drama, Life style, Photography by Arvind KumarLeave a Comment

मैँ इस सामग्री का अनुवाद नहीँ कर रहा हूँ. मूल इंग्लिश में ही पढ़ेँ… This is a case of 1 photographer photographing a 2nd photographer. The following photos were taken …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 07 – गाँव की सड़क

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ७. गाँव की सड़क फ़ाउस्ट. मार्गरेट मंच पर से गुज़रती है.  फ़ाउस्ट सुनिए, देवी, …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 23 – अंधकारपूर्ण दिन

In Culture, Drama, Fiction, History, Poetry, Spiritual by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार २३. अंधकारपूर्ण दिन खुला मैदान. फ़ाउस्ट. मैफ़िस्टोफ़िलीज़ फ़ाउस्ट विपदा की मारी! बेचारी! अकेली! भरे …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 2 दृश्य 5 – रोड्स द्वीप के कांस्यकार

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ५. रोड्स द्वीप के कांस्यकार समुद्री अश्वोँ और नागोँ पर सवार – हाथ मेँ …

जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 1. रोम ब्रूटस का उपवन

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अभी सीज़र है अंडे मेँ सँपोला. बाहर निकल कर बनेगा नाग. अच्‍छा है – अंडा ही कुचल देँ हम. रोम. ब्रूटस का उपवन. (ब्रूटस आता है.) ब्रूटस लूसियस! लूसियस! पता …

विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 1. सैंधव गणराज्‍य की राजधानी – धारावती

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पत्‍थर हो तुम, पाषाण हो. तुम भावना से हीन हो. पा कर तुम्हेँ धारावती बदनाम है. है सिंधुगण को शर्म तुम पर. सैंधव नहीँ कुछ और हो तुम!   सैंधव …

विक्रम सैंधव. अंक 5. दृश्य 2. सोमक्षेत्र. युद्ध

In Adaptation, Culture, Drama, Fiction, Poetry by Arvind KumarLeave a Comment

  बस, एक हल्‍ला और! फिर अपनी विजय है. सोमक्षेत्र. युद्ध. (तूर्यनाद. शतमन्‍यु और शूरसेन.) शतमन्‍यु शूरसेन, लो, आदेश लो. जल्‍दी करो. उस ओर सेना से कहो – उखड़ गए …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 08 – संध्या

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ८. संध्या छोटा सा कमरा. बिलकुल साफ़ सुथरा. मार्गरेट (केश सँवार कर गूँथ रही …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 24 – रात

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार २४. रात खुला मैदान. काले जादूई घोड़ोँ पर सवार फ़ाउस्ट और मैफ़िस्टोफ़िलीज़ तेज़ी से …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 3 – स्पार्टा मेँ मेनेलाउस के राजभवन के बाहर

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार अंक ३ स्पार्टा मेँ मेनेलाउस के राजभवन के बाहर हेलेना का प्रवेश. साथ मेँ …

जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 1. रोम ब्रूटस का उपवन

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अभी सीज़र है अंडे मेँ सँपोला. बाहर निकल कर बनेगा नाग. अच्‍छा है – अंडा ही कुचल देँ हम. रोम. ब्रूटस का उपवन. (ब्रूटस आता है.) ब्रूटस लूसियस! लूसियस! पता …

विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 1. सैंधव गणराज्‍य की राजधानी – धारावती

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पत्‍थर हो तुम, पाषाण हो. तुम भावना से हीन हो. पा कर तुम्हेँ धारावती बदनाम है. है सिंधुगण को शर्म तुम पर. सैंधव नहीँ कुछ और हो तुम!   सैंधव …

विक्रम सैंधव. अंक 5. दृश्य 3. सोमक्षेत्र. युद्ध का एक अन्य कोना

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  ओ घातिनी शंका, अवसाद की संतान! क्योँ घेरती है तू मानवोँ के मन? जो नहीँ है, क्योँ दिखाती है वही संकट? जहाँ तू जन्‍म लेती है, उसी का नाश …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 09 – सैरगाह

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ९. सैरगाह फ़ाउस्ट. मैफ़िस्टोफ़िलीज़. मैफ़िस्टोफ़िलीज़ क़सम नाकाम इश्क़ की! क़सम दोजख़ की आग की! …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 25 – जेल

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार   २५. जेल फ़ाउस्ट. हाथोँ मेँ चाभियोँ का गुच्‍छा और मोमबत्ती. सीख़चोँ वाले दरवाज़े …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 4 दृश्य 1 – उच्च पर्वतमाला

In Culture, Drama, Fiction, History, Humor, Poetry, Spiritual, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १. उच्च पर्वतमाला सुदृढ़ सुविशाल सोपानित शैल शिखरोँ की श्रेणी. एक बादल निकट आता …

जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 2. रोम सीज़र का महल

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मरते हैँ कायर बार बार. वीर चखते हैँ मौत बस एक बार. सब जानते हैँ आनी है मौत. फिर भी कुछ लोग डरते हैँ मौत से. मैँ कहता हूँ – …

विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 1. सैंधव गणराज्‍य की राजधानी – धारावती

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पत्‍थर हो तुम, पाषाण हो. तुम भावना से हीन हो. है सिंधुगण को शर्म तुम पर. सैंधव नहीँ कुछ और हो तुम!   सैंधव गणराज्‍य की राजधानी – धारावती. एक …

विक्रम सैंधव. अंक 5. दृश्य 4. सोमक्षेत्र. युद्धक्षेत्र का एक अन्य भाग

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  मित्र होने योग्‍य हैँ नरवीर सब ऐसे.   सोमक्षेत्र. युद्धक्षेत्र का एक अन्‍य भाग. (तूर्यनाद. शंखनाद. युद्धरत सैनिक आते हैँ. फिर शतमन्‍यु, अश्वत्‍थ, इंद्रगोप तथा अन्‍य.)   शतमन्‍यु देशप्रेमियो, …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 10 – पड़ोसन का घर

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १०. पड़ोसन का घर मार्था (अकेली.) क्षमा करेँ भगवान मेरे प्यारे पति के अपराध. …