शब्दवेध भारत को थिसारस देने वाले अरविंद कुमार की नई किताब है. शब्दवेध अरविंद कुमार की शब्दोँ के संसार …
शब्दवेध–क्या, किस के लिए
शब्दवेध: क्योँ, किस के लिए शब्दवेध सब के लिए एक अत्यंत रोचक सत्यकथा है. कैसे कोई अपनी मेहनत और लगन के, निष्ठा, संकल्प और प्रतिबद्धता के बल पर कमतरीन से …
Relevance of ShabdVedh
ShabdVedh is an interesting story for all. It shows how one can rise above the worst of circumstances, dream, and with complete diligence and dedication, work towards fulfilling …
What is ShabdVedh
What is ShabdVedh? ShabdVedh is the latest book by India’s Thesaurus Man Arvind Kumar. Shabdvedh is the story of Arvind’s 70-year journey in the creative world of words. A journey …
कीन्या के जंगल मेँ एक रोमांचक क्षण–शेरनी ने जान लगा दी…
Life is not measured by the number of breaths we take, but by the moments that take our breath away. HOW AWESOME IS THIS? The bar is set higher and …
ख़तरोँ का असली खिलाड़ी – अरे बाप रे – कैसा फ़ोटोग्राफ़र, कैसी दीवानगी
मैँ इस सामग्री का अनुवाद नहीँ कर रहा हूँ. मूल इंग्लिश में ही पढ़ेँ… This is a case of 1 photographer photographing a 2nd photographer. The following photos were taken …
फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 07 – गाँव की सड़क
फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद - © अरविंद कुमार ७. गाँव की सड़क फ़ाउस्ट. मार्गरेट मंच पर से गुज़रती है. फ़ाउस्ट सुनिए, देवी, …
फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 23 – अंधकारपूर्ण दिन
फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद - © अरविंद कुमार २३. अंधकारपूर्ण दिन खुला मैदान. फ़ाउस्ट. मैफ़िस्टोफ़िलीज़ फ़ाउस्ट विपदा की मारी! बेचारी! अकेली! भरे …
फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 2 दृश्य 5 – रोड्स द्वीप के कांस्यकार
फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद - © अरविंद कुमार ५. रोड्स द्वीप के कांस्यकार समुद्री अश्वोँ और नागोँ पर सवार – हाथ मेँ …
जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 1. रोम ब्रूटस का उपवन
अभी सीज़र है अंडे मेँ सँपोला. बाहर निकल कर बनेगा नाग. अच्छा है – अंडा ही कुचल देँ हम. रोम. ब्रूटस का उपवन. (ब्रूटस आता है.) ब्रूटस लूसियस! लूसियस! पता …
विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 1. सैंधव गणराज्य की राजधानी – धारावती
पत्थर हो तुम, पाषाण हो. तुम भावना से हीन हो. पा कर तुम्हेँ धारावती बदनाम है. है सिंधुगण को शर्म तुम पर. सैंधव नहीँ कुछ और हो तुम! सैंधव …
विक्रम सैंधव. अंक 5. दृश्य 2. सोमक्षेत्र. युद्ध
बस, एक हल्ला और! फिर अपनी विजय है. सोमक्षेत्र. युद्ध. (तूर्यनाद. शतमन्यु और शूरसेन.) शतमन्यु शूरसेन, लो, आदेश लो. जल्दी करो. उस ओर सेना से कहो – उखड़ गए …
फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 08 – संध्या
फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद - © अरविंद कुमार ८. संध्या छोटा सा कमरा. बिलकुल साफ़ सुथरा. मार्गरेट (केश सँवार कर गूँथ रही …
फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 24 – रात
फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद - © अरविंद कुमार २४. रात खुला मैदान. काले जादूई घोड़ोँ पर सवार फ़ाउस्ट और मैफ़िस्टोफ़िलीज़ तेज़ी से …
फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 3 – स्पार्टा मेँ मेनेलाउस के राजभवन के बाहर
फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद - © अरविंद कुमार अंक ३ स्पार्टा मेँ मेनेलाउस के राजभवन के बाहर हेलेना का प्रवेश. साथ मेँ …
जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 1. रोम ब्रूटस का उपवन
अभी सीज़र है अंडे मेँ सँपोला. बाहर निकल कर बनेगा नाग. अच्छा है – अंडा ही कुचल देँ हम. रोम. ब्रूटस का उपवन. (ब्रूटस आता है.) ब्रूटस लूसियस! लूसियस! पता …
विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 1. सैंधव गणराज्य की राजधानी – धारावती
पत्थर हो तुम, पाषाण हो. तुम भावना से हीन हो. पा कर तुम्हेँ धारावती बदनाम है. है सिंधुगण को शर्म तुम पर. सैंधव नहीँ कुछ और हो तुम! सैंधव …
विक्रम सैंधव. अंक 5. दृश्य 3. सोमक्षेत्र. युद्ध का एक अन्य कोना
ओ घातिनी शंका, अवसाद की संतान! क्योँ घेरती है तू मानवोँ के मन? जो नहीँ है, क्योँ दिखाती है वही संकट? जहाँ तू जन्म लेती है, उसी का नाश …
फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 09 – सैरगाह
फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद - © अरविंद कुमार ९. सैरगाह फ़ाउस्ट. मैफ़िस्टोफ़िलीज़. मैफ़िस्टोफ़िलीज़ क़सम नाकाम इश्क़ की! क़सम दोजख़ की आग की! …
फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 25 – जेल
फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद - © अरविंद कुमार २५. जेल फ़ाउस्ट. हाथोँ मेँ चाभियोँ का गुच्छा और मोमबत्ती. सीख़चोँ वाले दरवाज़े …
फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 4 दृश्य 1 – उच्च पर्वतमाला
फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद - © अरविंद कुमार १. उच्च पर्वतमाला सुदृढ़ सुविशाल सोपानित शैल शिखरोँ की श्रेणी. एक बादल निकट आता …
जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 2. रोम सीज़र का महल
मरते हैँ कायर बार बार. वीर चखते हैँ मौत बस एक बार. सब जानते हैँ आनी है मौत. फिर भी कुछ लोग डरते हैँ मौत से. मैँ कहता हूँ – …
विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 1. सैंधव गणराज्य की राजधानी – धारावती
पत्थर हो तुम, पाषाण हो. तुम भावना से हीन हो. है सिंधुगण को शर्म तुम पर. सैंधव नहीँ कुछ और हो तुम! सैंधव गणराज्य की राजधानी – धारावती. एक …
विक्रम सैंधव. अंक 5. दृश्य 4. सोमक्षेत्र. युद्धक्षेत्र का एक अन्य भाग
मित्र होने योग्य हैँ नरवीर सब ऐसे. सोमक्षेत्र. युद्धक्षेत्र का एक अन्य भाग. (तूर्यनाद. शंखनाद. युद्धरत सैनिक आते हैँ. फिर शतमन्यु, अश्वत्थ, इंद्रगोप तथा अन्य.) शतमन्यु देशप्रेमियो, …
फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 10 – पड़ोसन का घर
फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद - © अरविंद कुमार १०. पड़ोसन का घर मार्था (अकेली.) क्षमा करेँ भगवान मेरे प्यारे पति के अपराध. …