बस, एक हल्ला और! फिर अपनी विजय है. सोमक्षेत्र. युद्ध. (तूर्यनाद. शतमन्यु और शूरसेन.) शतमन्यु शूरसेन, लो, आदेश लो. जल्दी करो. उस ओर सेना से कहो – उखड़ गए …
विक्रम सैंधव. अंक 5. दृश्य 1. सोमक्षेत्र
बुरे वार मेँ भी, शतमन्यु, तुम करते हो अच्छा भाषण. घोँप रहे थे तलवार जब विक्रम के सीने मेँ, कह रहे थे : विक्रम की जय हो! सोमक्षेत्र. …
विक्रम सैंधव. अंक 4. दृश्य 3. शतमन्यु का शिविर
मानव जीवन मेँ जब कभी आता है ज्वार, सफलता मिलती है उस की लहर पर चढ़ कर. यदि खो दिया अवसर तो मिलते हैँ, बस, छिछले ताल, कष्ट, रुदन, …
विक्रम सैंधव. अंक 4. दृश्य 2. कपिंजल पर्वत पर खर्वट के निकट छावनी
खोखले नर और गरम घोड़े करते हैँ जोश का दिखावा. परीक्षा की घड़ी मेँ दे जाते हैँ धोखा… कपिंजल पर्वत पर खर्वट के निकट छावनी. शतमन्यु के शिविर …
विक्रम सैंधव. अंक 4. दृश्य 1. धारावती. आनंद के भवन का एक कक्ष
बड़े लोग जो बना देते हैँ चलन, रचते हैँ जो कलाएँ, और फिर छोड़ देते हैँ जो जूठन, उन्हेँ सहेज कर रखते हैँ केतुमाल जैसे लोग. धारावती. आनंद …
विक्रम सैंधव. अंक 4. दृश्य 1. धारावती. आनंद के भवन का एक कक्ष
बड़े लोग जो बना देते हैँ चलन, रचते हैँ जो कलाएँ, और फिर छोड़ देते हैँ जो जूठन, उन्हेँ सहेज कर रखते हैँ केतुमाल जैसे लोग. धारावती. आनंद …
विक्रम सैंधव. अंक 3. दृश्य 3. धारावती. एक जनमार्ग
मैँ चंडीचारण हूँ. मैँ चंडी कवि हूँ. घटिया कविता करता है यह. फाड़ डालो रद्दी कविता के जैसा. धारावती. एक जनमार्ग. (कवि चंडीचारण आता है.) चंडीचारण रोती धरती, …
विक्रम सैंधव. अंक 3. दृश्य 2. धारावती. नगर चौक. जनमंच
सुनो, मेरे देश के लोगो, सुनो. यह पतन विक्रम का नहीँ था. यह पतन मेरा था, आप का था. हम सब पर पंजे फैला रहा था ख़ूनी विश्वासघात. …
विक्रम सैंधव. अंक 3. दृश्य 1. धारावती. संसद के बाहर
यह तू, मनमीत! निष्फल है जीना! धारावती. संसद के बाहर. (तूर्यनाद. शंखनाद. विक्रम, शतमन्यु, कंक, चाणूर, भगदत्त भट्टारक, महीधर वर्मन, गुणाकर, चंडीचरण, आनंदवर्धन, केतुमाल, नारदानंद, मंगल, गोपाल तथा अन्य …
विक्रम सैंधव. अंक 2. दृश्य 4. धारावती. शतमन्यु के घर के बाहर
यह भनभनाहट सी क्या है? दंगे के शोर जैसी? दूर, दुर्ग की ओर. दुर्ग. शतमन्यु के घर के बाहर मार्ग. (रत्ना और पिपीलक आते हैँ.) रत्ना दास, …
विक्रम सैंधव. अंक 2. दृश्य 3. धारावती. दुर्ग प्राचीर के निकट
न पढ़ पाया – तो हरि की इच्छा! धारावती. दुर्ग प्राचीर के निकट मार्ग. (नारदानंद आता है. वह एक पत्र पढ़ रहा है.) नारदानंद विक्रम, शतमन्यु से सावधान. कंक …
विक्रम सैंधव. अंक 2. दृश्य 2. धारावती. शतमन्यु का उपवन
द्रोह, यूँ मुँह मत छिपा अपना. छिपा ले अपने को दोस्ताने मेँ, मुस्कान मेँ. नहीँ तो छिप नहीँ सकेगा तू गहरे पाताल मेँ. धारावती. शतमन्यु का उपवन. (शतमन्यु …
विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 3. धारावती. एक राजमार्ग
हो चुकी है आधी रात. भोर होने से पहले जगाना है शतमन्यु महान को. कल होने से पहले साथी बनाना है उन को. धारावती. एक राजमार्ग. (रात. बिजली. …
विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 2. धारावती. नगर मार्ग
भव्य वीरता की विशाल प्रतिमा बन विक्रम आज धरा को रौँद रहा है. उस के विकराल डगोँ के नीचे हम सैंधव जन चूहोँ जैसे दुबक रहे हैँ, काँप रहे …
विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 1. सैंधव गणराज्य की राजधानी – धारावती
पत्थर हो तुम, पाषाण हो. तुम भावना से हीन हो. है सिंधुगण को शर्म तुम पर. सैंधव नहीँ कुछ और हो तुम! सैंधव गणराज्य की राजधानी – धारावती. एक …
विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 1. सैंधव गणराज्य की राजधानी – धारावती
पत्थर हो तुम, पाषाण हो. तुम भावना से हीन हो. पा कर तुम्हेँ धारावती बदनाम है. है सिंधुगण को शर्म तुम पर. सैंधव नहीँ कुछ और हो तुम! सैंधव …
विक्रम सैंधव. अंक 1. दृश्य 1. सैंधव गणराज्य की राजधानी – धारावती
पत्थर हो तुम, पाषाण हो. तुम भावना से हीन हो. पा कर तुम्हेँ धारावती बदनाम है. है सिंधुगण को शर्म तुम पर. सैंधव नहीँ कुछ और हो तुम! सैंधव …
जूलियस सीज़र. अंक 5. दृश्य 5. फ़िलीपी. रणक्षेत्र का एक अन्य कोना.
रोमनोँ मेँ श्रेष्ठतम केवल वही थे. षड्यंत्र मेँ शामिल बहुत थे, देशप्रेमी न्यायप्रेमी बस वही थे. रणक्षेत्र. एक अन्य कोना. (ब्रूटस, डार्डेनियस, क्लीटस, स्ट्रैटो और वोलुमनियस आते हैँ.) ब्रूटस बस …
जूलियस सीज़र. अंक 5. दृश्य 4. फ़िलीपी. रणक्षेत्र का एक अन्य भाग.
जब, जहाँ, जीवित, अजीवित वे मिलेँगे, वे अजित होँगे. मार्क ब्रूटस! वीर ब्रूटस! रणक्षेत्र का एक अन्य भाग. (तूर्यनाद. युद्धरत सैनिक आते हैँ. फिर ब्रूटस, कैटो, लूसीलियस क्षथा अन्य.) ब्रूटस …
जूलियस सीज़र. अंक 5. दृश्य 3. फ़िलीपी. रण का एक अन्य कोना.
सीज़र, महानायक, अभी तक तुम बली हो. तुम्हारी आत्मा अब तक धरा पर डोलती है. वह हमारे खड्ग हम मेँ घोँपती है. फ़िलीपी. रण का एक अन्य कोना. (तूर्यनाद. कैसियस …
जूलियस सीज़र. अंक 5. दृश्य 2. फ़िलीपी. युद्धक्षेत्र.
बस, एक हल्ला और! फिर अपनी विजय है. फ़िलीपी. युद्धक्षेत्र. (तूर्यनाद. ब्रूटस और मेसाला.) ब्रूटस मेसाला, लो, आदेश लो, जल्दी करो. उस ओर सेना से कहो – उखड़ गए आक्टेवियस …
जूलियस सीज़र. अंक 5. दृश्य 1. फ़िलीपी का मैदान
अभी देखने हैँ तेरे पैँतरे. तेरा भाषण! मधुवन से भी चुरा लेता है मिठास. फ़िलीपी का मैदान. (आक्टेवियस, एंटनी और उन की सेनाएँ आती हैँ.) आक्टेवियस मन की सभी मुरादेँ …
जूलियस सीज़र. अंक 4. दृश्य 3. ब्रूटस का शिविर.
दृश्य ३ क्या इसी लिए गिराया था हम ने वह महामानव कि आज हम भी करेँगे भ्रष्टाचार! चंद सिक्कॉँ के वास्ते डुबोएँगे नाम. ब्रूटस का शिविर. (ब्रूटस और कैसियस आते …
जूलियस सीज़र. अंक 4. दृश्य 2. सार्डिस के निकट छावनी. ब्रूटस के शिविर के सामने.
कैसियस, आहिस्ता बोल. जानता हूँ मैँ तुझे. सेना के सामने कर मित्रतापूर्ण व्यवहार. सार्डिस के निकट छावनी. ब्रूटस के शिविर के सामने. (नगाड़ा. ब्रूटस, लूसीलियस, लूसियस और सैनिक आते हैँ. …
जूलियस सीज़र. अंक 4. दृश्य 1. रोम एक भवन
ब्रूटस और कैसियस कर रहे हैँ शक्ति का संचय. हम भी चेतेँ, अपनी ताक़तेँ मिलाएँ, औरोँ को साथ लाएँ. अज्ञात संकटोँ को समझेँ. रोम. एक भवन. (एंटनी, आक्टेवियस और लेपीडस. …