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आँखेँ बहुत कुछ कहती हैँ, लाल अंगारा हो जाती हैँ, और हम आँख दिखाते हैँ

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आँख चर्चा – 4

 

आँखेँ तरेरना: क्रोध से आँखेँ निकाल कर देखना. क्रोध की दृष्टि से देखना. उ.सुनि लछिमन बिहँसे बहुरि नयन तरेरे राम. मानस

आँख तले न आना: कुछ भी न जँचना. उ.देव देखि तब बालक दोऊ. अब न आँखि तर आवत कोऊ. मानस.

आँखोँ के तले न लाना: कुछ न समझना. तुच्छ समझना; जैसेवह किसी को अपनी आँखोँ तले लाता है जो तुम्हारी बात मानेगा?

आँख दबाना: पलक सिकोड़ना. आँख मचकाना; जैसे (क) वह जरा आँख दबाकर ताकता है. तब प्रभु ने आग की ओर आँख दबाय सैन की, वह तुरंत बुझ गई.

 

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आँख दिखाना: क्रोध से आँखेँ निकाल कर देखना. क्रोध की दृष्टि से देखना. कोप जताना. उ.—(क) जानै ब्रह्म सो विप्रबर आँखि देखावहिँ डाटि. (ख) सुनि सरोष भृमुनायकु आए. बहुत भाँति तिन्ह आँखि देखाए. मानस (ग) बाजराज के बालकहिं लवा दिखावत आँखि.

आँखेँ दुखना: आँख मेँ पीड़ा होना.

आँखोँ देखते: (1) आँखोँ के सामने. देखते हुए. जानबूझ कर; जैसे—(क) आँखोँ देखते तो हम ऐसा अन्याय नहीँ होने देँगे. —(क) आँखोँ देखते मक्खी नही निगली जाती. (2) देखते देखते. थोड़े ही दिनोँ मेँ; जैसेआँखोँ से देखते इतना बड़ा घर बिगड़ गया.

आँखोँ देखा: आखोँ से देखा हुआ. अपना देखा. उ.जल मेँ उपजे जल मेँ रहे. आँखोँ देखा खुसरो कहे. — (पहेली, काजल.); जैसेयह तो हमारी आँखोँ देखी बात है.

आँखेँ दौड़ाना: नज़र दौड़ाना. डीठ पसारना. चोरों ओर दृष्टि फरेना. इधर उधर देखना; जैसेमैं ने इधर उधर बहुत आँख दौड़ाई पर कहीँ कुछ न देख पड़ा.

आँख न उठना: (1) लज्जा से दृष्टि नीची रहना. (2) एहसान से दबा रहना.

आँख न उठाना: (1) नज़र न उठाना. सामने न देखना. बराबर न ताकना (2) लज्जा से दृष्टि नीची किए रहना (3) किसी काम मेँ बराबर लगे रहना; जैसेवह सबेरे से जो सीने बैठा तो दिन भर आँख न उठाई.

आँख न खोलना. (1) आँख बंद रखना. (2) सुस्त पड़ा रहना. बेसुध रहना. गाफिल रहना; जैसेआज चार दिन हुए बच्चे ने आँख न खोली.

बादल का आँख न खोलना: बादल का घिरा रहना. आकाश का बादलों से ढका रहना.

मेँह का आँख न खोलना: पानी का न थमना. वर्षा का न रुकना.

आँख न ठहरना: चमक या द्रुत गति के कारण दृष्टि न जमना. जैसे—(क) वह ऐसा भड़कीला कपड़ा है कि आँख नहीँ ठहरती. (ख) पहिया इतनी तेजी से घूमता था कि उस पर आँख नहीँ ठहरती थी.

आँख न पसीजना: आँख मेँ आँसू न आना.

(एक) आँख न भाना: बिलकुल अच्छा न लगना; जैसेये बातें हमेँ एक आँख नहीँ भातीं.

आँख नाक से डरना: ईश्वर से डरना जो पापियोँ को अँधा और नकटा कर देता है. पाप से डरना जिस से आँख नाक जाती रहती है; जैसेभाई, मुझ दीन से न डर तो अपनी आँख नाक से तो डर.

आँख निकालना: आँख दिखाना. क्रोध की दृष्टि से देखना; जैसेहम पर क्या आँख निकालते हो; जिस ने तुम्हें कुछ कहा हो उस के पास जाओ. —(2) आँख के डेले तो छुरी से काटकर अलग कर देना. आँख फोड़ना; जैसेउस दुष्ट सरदार ने शाह आलम की आँख निकाल ली.

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आँख नीची करना: दृष्टि नीची करना. सामने न ताकना जैसेवहाँ आँख नीची किए चला जा रहा था. (2) लज्जा या संकोच से बराबर नज़र न करना. दृष्टि न मिलाना. जैसेकब तक आँखेँ नीची किए रहोगे? जो पूछते हैँ, उस का उत्तर दो. आँख नीची होना: सिर नीचा होना. लज्जा उत्पन्न होना. अप्रतिष्ठा होना; जैसेकोई ऐसा काम न करना चाहिए जिस से हर आदमी के सामने आँख नीची हो. आँख नीली पीली करना: बहुत क्रोध करना. तेवर बदलना.

आँख दिखलाना: आँख पटपटा जाना . (1) आँख फूट जाना (स्त्रियाँ गाली देने मेँ अधिक बोलती हैँ). (2) अत्याधिक भूख या प्यास से व्याकुल होना.

आँख पट्टम होना: आँख फूट जाना

आँख पड़ना: (1) दृष्टि पड़ना. नज़र पड़ना; जैसेसंयोग से हमारी आँख उस पर पड़ गई नहीँ तो वह बिलकुल पास आ जाता. (2) ध्यान जाना. कृपादष्टि होना; जैसेगरीबों पर किसी की आँख नहीँ पड़ती. (3) चाह की दृष्टि होना. पाने की इच्छा होना; जैसेउस की इस किताब पर बार बार आँख पड़ रही है. (4) कुदृष्टि पड़ना. ध्यान जाना; जैसेजिस वस्तु पर तुम्हारी आँख पड़े, भला वह रह जाय?

आँख पथराना: पलक का नियमित गति से न गिरना और पुतली की गति का मारा जाना. नेत्र स्तब्ध होना (यह मरने का पूर्वलक्षण है); जैसे—(क) अब उन की आँखेँ पथरा गई हैँ, और बोली भी बंद हो गई है. — (ख) तुम्हारी राह देखते देखते आँखेँ पथरा गईं. आँखोँ पर आइए या बैठिए: आदर के साथ आइए. सादर पधारिए. (जब कोई बहुत प्यारा या बड़ा आता है या आने के लिए कहता है, तब लोग उसे ऐसा कहते हैँ).

आँखोँ पर ठिकरी रख लेना: (1) जान बूझकर अनजान वनना. (2) रुखाई करना. बेमुरौवती करना. शील न करना. (3) गुण न मानना. उपकार न मानना. कृतघ्नता करना. (4) लज्जा खो देना. निर्लज्ज होना. बेहया होना.

आँखोँ मेँ पट्टी बाँधना: (1) दोनोँ आँखोँ के ऊपर कपड़ा ले जा कर सिर के पीछे बाँधना जिस से कुछ दिखाई न पड़े. आँखोँ को ढँकना. (2) आँख बंद करना. ध्यान न देना; जैसेतुम ने ख़ूब आँखोँ पर पट्टी बाँध ली है कि अपना भला बुरा नहीँ सूझता.

आँखोँ पर परदा पड़ना: अज्ञान का अंधकार छाना. प्रमाद होना. भ्रम होना; जैसेतुम्हारी आँखोँ पर परदा पड़ा है; सच्ची बात क्यों मन मेँ धँसेगी. (2) विचार का जाता रहना. विवेक का दूर होना; जैसेक्रोध के समय मनुष्य की आँखोँ पर परदा पड़ जाता है. (3) कमज़ोरी से आँखोँ के सामने अँधेरा छाना; जैसेभूख प्पास के मारे हमारी आँखोँ पर परदा पड़ गया है.

आँखोँ पर पलकों का बोझ नहीँ होता: (1) अपनी चीज़ का रखना भारी नहीँ मालूम होता (2) अपने कुटुंबियोँ को खिलाना पिलाना नहीँ खलता. (3) काम की चीज़ महँगी नहीँ मालूम होती. आँखोँ पर बिठाना.: बहुत आदर सत्कर करना. आवगत. प्रीतिपूर्वक व्यवहार करना; जैसेवह हमारे घर तो आवें, हम उन्हें आँखोँ पर बिठाएँगे.

आँखोँ पर रखना: बहुत प्रिय कर के रखना. बहुत आराम से रखना; जैसेआप निश्चित रहिए, मैं उन्हें अपनी आँखोँ पर रखूँगा.

आँख पसारना या फैलाना: दूर तक दृष्टि बढ़ा कर देखना. नज़र दौड़ाना.

आँखेँ फटना: चोट या पीड़ा से यह मालूम पड़ना कि आँखेँ निकली पड़ती है; जैसेसिर के दर्द से आँखेँ फटी पड़ती हैँ.

आँख फड़कना: आँख की पलक का बार बार हिलना. वायु के संचार से आँख की पलक का बार बार फड़फड़ाना.

आँखेँ फिर जाना: (1) नज़र बदल जाना. पहले की सी कृपा या स्नेह दृष्टि न रहना. बेमुरौवती आ जाना; जैसेजब से वे हम लोगोँ के बीच से गए, तब से तो उन की आँखेँ ही फिर गईं. (2) चित्त मेँ विरोध उत्पन्न हो जाना. मन मेँ बुराई आना. चित्त मेँ प्रतिकूलता आना; जैसेउस की आँखेँ फिर गईं वह बुराई करने से नहीँ चूकेगा.  

आँख फूटना: (1) आँख का जाता रहना. आँख की ज्योति का नष्ट होना. (2) आँख रहते कुछ दिखाई न पड़ना; जैसेक्या तुम्हारी आँखेँ फूटी हैँ, जो सामने की वस्तु नहीँ दिखाई देती. (आँख एक बहुत प्यारी वस्तु है इसी से स्त्रियाँ प्राय: इस प्रकार की शपथ खाती हैँ कि मेरी आँखेँ फूट जाएँ, यदि मैं ने ऐसा कहा हो) (3) बुरा लगना. कुढ़ना होना. उ.— (क) उस को देखने से हमारी आँखेँ फूटती हैँ. (ख) किसी की सुखी देख कर तुम्हारी आँखेँ क्यों फटती हैँ.

आँख फेरना: (1) निगाह फेरना, नज़र बदलना. पहले की सी कृपा या स्नेहदृष्टि न रखना. मित्रता तो़ड़ना. (2) विरुद्ध होना. प्रतिकूल होना. वाम होना.

आँख फैलाना: आश्चर्य से स्तब्ध होना. आश्चर्यचकित होना.

आँख फैलाना: दृष्टि फैलाना. दीठ पसारना. दूर तक देखना. नज़र दौड़ाना.

आँख फोड़ना: (1) आँखोँ को नष्ट करना. आँखोँ की ज्योंति का नाश करना. (2) कोई काम ऐसा करना जिस मेँ आँखोँ पर ज़ोर पड़े. कोई ऐसा काम करना, जिस मेँ देर तक दृष्टि गड़ानी पड़े; जैसे लिखना पढ़ना, सीना, पिरोना; जैसे(क) घंटोँ बैठ कर आँखेँ फोड़ी है, तब इतना सिया गया है. (ख) घंटोँ चूल्हे के आगे बैठ कर आँखेँ फोड़ी हैँ तब रसोई बनी है.

आँख मूँद कर कोई काम करना: (1) बिना पूछे पाछे कोई काम करना. बिना जाँच परताल किए कोई काम करना. बिना कुछ सोचे विचारे कोई काम करना. बिना आगा पीछा किए कोई काम करना; जैसे— (क) आँख मूँद कर दवा पी जाओ. (ख) जितना रुपया वे माँगते गए हम उन को आँख बंद कर के देते गए. (2) दूसरी बातोँ की ओर ध्यान न देकर अपना काम करना. और बातोँ की परवाह न कर के अपना नियत कर्तव्य करना. किसी के कुछ कहनेसुनने की परवाह न कर के अपना काम करना; जैसेतुम आँख मूँद कर अपना काम किए चलो, लोगोँ को बकने दो.

आँख बंद होना: (1) आँख झपकना. पलक गिरना; जैसेकहो तो वह पाँच मिनट तक ताकता रह जाय, आँख बंद न करे. (2) मृत्यु होना. मरण होना; जैसेजिस दिन इसके बाप की आँखेँ बंद होँगी, यह अन्न को तरसेगा.

आँख बचा कर कोई काम करना: इस रीति से कोई काम करना कि दूसरे न देख पाएँ. छिपा कर कोई काम करना; जैसेबुराई भी करते तो जरा आँख बचा कर.

आँख बचाना: नज़र बचाना. सामना न करना. कतराना; जैसेरुपया लेने को ले किया, अब आँख बचाते फिरते हो.

आँख बचे का चाँटा: लड़कों का एक खेल जिस मेँ यह बाज़ी लगती है कि जिसे असावधान देखेँ, उसे चाँटा लगाएँ.

आँख बदल जाना: पहले की सी कृपादृष्टि या स्नेहदृष्टि न रह जाना. पहले का सा व्यवहार न रह जाना नज़र बदल जाना. मिज़ाज बदल जाना. बरताव मेँ रूखापन आ जाना; जैसे —(क) अब उन की आँखेँ बदल गई हैँ, क्यों हम लोगोँ की कोई बात सुनेंगे. —(ख) गौं निकल गई, आँख बदल गई. —(शब्द.). (2) आकृति पर क्रोध दिखाई देना. क्रोध की दृष्टि होना. रिस चढ़ना; जैसेथोड़े ही मेँ उन की आँखेँ बदल जाती हैँ.

आँख बनवाना: आँख का जाला कटवाना: आँख का माड़ा निकलवाना. आँख की चिकित्सा करना; जैसेज़रा आँख बनवा आओ तो कपड़ा खरीदाना.

आँख बराबर करना: (1) आँख मिलाना. सामने ताकना; जैसेवह चोर लड़का अब मिलने पर आँख बराबर नहीँ करता. (2) मुँह पर बातचीत करना. सामने डट कर बातचीत करना. ढिठाई करना; जैसेउस की क्या हिम्मत है कि आँख बराबर कर सके.

आँख बराबर होना: दृष्टि सामने होना. नज़र से नज़र मिलाना; जैसेजब से उस ने वह खोटा काम किया तब से मिलने पर कभी उस की आँख बराबर नहीँ होती.

आँख बहना: (1) आँसु बहाना. (2) आँख की बीनाई या रोशनी जाती रहना.

आँख बहाना: आँसू बहाना. रोना.  

आँख बिगड़ना: (1) दृष्टि कम होना. नेत्र की ज्योंति घटना. आँख मेँ पानी उतरना या जाला इत्यादि पड़ना. (2) आँख उलटना. आँख पथराना; जैसेउन की आँखोँ बिगड़ गई हैँ और बोली भी बंद हो गई है‘.

आँखेँ बिछना: भव्य स्वागत सत्कार होना.

आँख बिछाना: प्रेम से स्वागत करना. (2) प्रेमपूर्वक प्रतीक्षा करना. बाट जोहना. टकटकी बाँध कर राह देखना, जैसेहम तो कब से आँख बिछाए बैठे हैँ, वे आएँ तो.  

आँख बैठना: (1) आँख का भीतर की ओर धँस जाना. चोट या रोग आँख का डेला गड़ जाना (2) आँख फूटना.

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