आँख चर्चा – 3
आँख खुलना: (1) पलक खुलना. परस्पर मिली या चिपकी हुई पलकोँ का अलग हो जाना; जैसे—(क) बच्चे की आँखेँ धो डालो तो खुल जाएँ. (ख) बिल्ली के बच्चों ने अभी आँखेँ नहीँ खोली. (2) नीँद टूटना; जैसे—तुम्हारी आहट पाते हो मेरी आँखेँ खुल गईं. (3) चेत होना. ज्ञान होना. भ्रम का दूर होना; जैसे—पश्चिमीय शिक्षा से भारतवासियोँ की आँखेँ खुल गईं. (4) चित्त स्वस्थ होना. ताजगी आना. होश- हवास—दुरुस्त होना. तबियत ठिकाने आना. जैसे—इस शरबत के पीते ही आँखेँ खुल गईं.
आँख खुलवाना: (1) आँख बनवाना. (2) मुसलमानोँ के विवाह की रीति जिस मेँ दुलहिन के सामने एक दर्पण रखा जाता है और वे उस मेँ एक दूसरे का मुँह देखते हैँ.
आँख खोलना: (1) पलक उठाना. ताकना. (2) आँख बनाना. आँख का जाला या माँड़ा निकालना. आँख को दुरुस्त करना; जैसे—डाक्टर ने यहाँ बहुत से अंधीं की आँखेँ खोलीं. (3) चेताना. सावधान कराना. ज्ञान का संचार करना. वास्तविक बोध करना; जैसे—उस महात्मा ने सदुपदेश से हमारी आँखेँ खोल दीं. (4) ज्ञान का अनुभव करना. वाकिफ होना. सावधान होना. उ.—भाई बंधु और कुटुंब कबीला झूठे मित्र गिनावे. आँख खोल जब देख बावरे सब सपना कर पावे. —कबीर. (5) सुध होना. स्वस्थ होना; जैसे— चार दिन पर आज बच्चे ने आँख खोली है.
आँख गड़ना— (1) आँख किरकिराना. आँख दुखना; जैसे—हमारी आँखेँ कई दिनोँ से गड़ रही हैँ, आवेंगी क्या? (2) आँख देख कर तुम आँख बैठना; जैसे—उस की गड़ी आँखेँ देख कर तुम उसे पहचान लेना. (3) दृष्टि जमना. टकटकी बंधना. जैसे—(क) किस चीज़ पर तुम्हारी आँखेँ इतनी देर से गड़ी हुई हैँ. (ख) उस की आँखेँ तो लिखने मेँ गड़ी हुई हैँ, उसे इधर उधर की क्या खबर. (4) बड़ी चाह होना. प्राप्ति की उत्कट इच्छा होना, जैसे—जिस वस्तु पर तुम्हारी आँख गड़ती है, उसे तुम लिए बिना नहीँ छोड़ते.
आँख गड़ाना: (1) टकटकी बाँधना. स्तब्ध दृष्टि से ताकना. (2) नज़र रखना. चाहना. प्राप्ति की इच्छा करना. जैसे—अब तुम इस पर आँख गड़ाए हो, काहे को बचेगी.
आँखेँ घुलना: चार आँखेँ होना. ख़ूब घूराघूरी होना. दृष्टि से दृष्टि मिलना; जेसे, घंटोँ से ख़ूब आँखेँ घुल रही हैँ.
आँखेँ चढ़ना: नशी, नीँद या सिर की पीड़ा से पलकोँ का तन जाना और नियमित रूप से न गिरना. आँखोँ का लाल होना; जैसे—देखते नहीँ उस की आँखेँ चढ़ी हुई हैँ और मुँह से सीधी बात नहीँ निकलती.
आँख चमकाना: आँखोँ से तरह तरह के इशारे करना. आँख की पुतली उधर घुमाना. आँख मटकाना.
आँख चरने जाना: दृष्टि का जाता रहना, जैसे—तम्हारी आँख क्या चरने गई थी जो सामने से चीज़ उठ गई.
आँख चार करना: चार आँखेँ करना: देखादेखी करना. सामने आना; जैसे—जिस दिन से मैने खरी खरी सुनाई, वे मुझसे चार आँखेँ नहीँ करते.
आँखेँ चार होना, चार आँखेँ होना: (1) देखादेखी करना. सामना होना. एक दूसरे के दर्शन होना, जैसे—आँखेँ चार होते ही वे एक दूसरे पर मरने लगे. (2) विद्या का होना, जैसे—हम तो अपढ़ हैँ, पर तुम्हें तो चार आँखेँ हैँ, तुम ऐसी भूल क्यों करते हो.
आँख चीर चीर कर देखना. दे. ‘आँख फाड़ फाड़ कर देखना‘.
आँख चुराना: नज़र बचाना. कतराना. सामने न होना. जैसे—उस दिन से रुपया ले गया है, आँख चुराता फिरता है. (2) लज्जा से बराबर न ताकना. दृष्टि नीची करना (3) रुखाई करना. ध्यान न देना, जैसे—अब वे बड़े आदमी हो गए हैँ, अपने पुराने मित्रों से आँख चुराते हैँ. आँख चुरा कर कुछ करना: छिप कर कोई काम करना.
आँख चूकना: नज़र चूकना. दृष्टि हट जाना. असावधानी होना, जैसे—आँख चूकी कि माल यारों का.
आँख छ़त से लगना: (1) आँख ऊपर को चढ़ना.
आँख टँगना: स्तब्ध होना. आँख का एकदम खुली रहना. (यह मरने के पूर्व की अवस्था है.) (2) टकटकी बँधना.
आँख छि़पाना: (1) नज़र बचाना. कतराना. टालमटूल करना. (2) लज्जा से बराबर न ताकना. दृष्टि नीची कराना. (3) रुखाई करना. बेसुरौवती करना. ध्यान न देना. आँख जमना. नज़र ठहरना. दृष्टि का स्थिर रहना; जैसे—पहिया इतनी जल्दी जल्दी घूमता है कि उस पर आँख नहीँ जमती.
आँख झपकना: (1) आँख बंद होना. पलक गिरना. (2) नीँद आना. झपकी लगना, जैसे—आँख झपकी ही थी कि तुम ने जगा दिया.
आँख झपकाना: आँख मारना. इशारा करना.
आँख झेँपना: दृष्टि नीची होना. लज्जा मालूम होना, जैसे—सामने आते ही आँख झेपती है.
आँख टँगना: (1) आँख ऊपर को चढ़ जाना. आँख की पुतली का स्तब्ध होना. आँख का एकदम खुला रहना (यह मरने का पूर्वलक्षण है) (2) टकटकी बँधना, जैसे—तुम्हारे आसरे मेँ हमारी आँखेँ टँगी रह गईं, पर तुम न आए.
आँख टेढ़ी करना: (1) भौं टेढ़ी करना. रोष दिखाना.
आँखेँ बदलना: रुखाई करना. बेमुरौवती करना.
आँखेँ ठंढी होना. तृप्ति होना. संतोष होना. मन भरना. इच्छी पूरी होना, जैसे—अब तो उस ने मार खाई, तुम्हारी आँखेँ ठंढ़ी हुईं?
आखेँ डबडबाना. (1) (क्रि. अ.) आँखोँ मेँ आँसू भर आना. आँखोँ मेँ आँसू आना, जैसे—यह सुनते ही उस की आखोँ डबडबा आईं. (2) (क्रि. स.) आँख मेँ आँसू लाना. आँसू भरना, जैसे— वह आँखोँ डबडबा कर बोला.
आँख डलना: दृष्टि डालना. देखाना. ध्यान देना. चाह करना. इच्छा करना, जैसे— भले लोग पराई वस्तु पर आँख नहीँ डालते.
आंखेँ ढकर ढकर करना: पलकोँ की गति ठीक न रहना. आँखोँ का तिलमिलाना जैसे—इतने दिनोँ के उपवास से उस की आँखेँ ढकर ढकर कर रही हैँ.
आँखेँ तरसना: देखने के लिए आकुल होना. दर्शन के लिए दुखी होना; जैसे—तुम्हें देखने के लिए आँखेँ तरस गईं.
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