जूलियस सीज़र. अंक 3. दृश्य 3. एक जनमार्ग

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काटो! काटो! फाड़ो! लाओ ज्‍वाला. ज्‍वाला लाओ, चलो. ब्रूटस को जला दो. कैसियस को फूँक दो. सब को भून दो. जला दो. रोम. एक जनमार्ग. (कवि सिन्ना गाता आता है.) …

जूलियस सीज़र. अंक 3. दृश्य 2. रोम जनमंच

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ठेस लगती थी किसी निर्धन को, तो रोता था सीज़र. सत्ता का लालची क्‍या होता है कोमल? ब्रूटस कहते हैँ सीज़र लालची था सत्ता का. ब्रूटस ठहरे परम आदरणीय…! जनमंच. …

जूलियस सीज़र. अंक 3. दृश्य 1. रोम संसद के बाहर

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जाने कितने युगोँ तक यह दृश्‍य दोहराएँगे लोग अजन्‍मे राज्‍योँ मेँ, अनजानी भाषा मेँ जाने कितनी बार बहेगा सीज़र का लहू छूना चाहता था आकाश पड़ा है धरती पर माटी …

जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 4. रोम उसी मार्ग का एक अन्य भाग. ब्रूटस के घर के बाहर

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कहना है – सावधान रहेँ मित्रोँ से. उसी मार्ग का एक अन्‍य भाग, ब्रूटस के घर के बाहर. (पोर्शिया और लूसियस आते हैँ.) पोर्शिया दास, जा. संसद भवन तक हो …

जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 3. रोम दुर्ग प्राचीर के निकट मार्ग

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स्‍वागत है मौत रोम. दुर्ग प्राचीर के निकट मार्ग. (आर्तेमिडोरस आता है. वह एक पत्र पढ़ रहा है.) आर्तेमिडोरस सीज़र, ब्रूटस से सावधान. कैसियस से बच. कास्‍का को रख दूर. …

जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 2. रोम सीज़र का महल

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मरते हैँ कायर बार बार. वीर चखते हैँ मौत बस एक बार. सब जानते हैँ आनी है मौत. फिर भी कुछ लोग डरते हैँ मौत से. मैँ कहता हूँ – …

जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 1. रोम ब्रूटस का उपवन

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अभी सीज़र है अंडे मेँ सँपोला. बाहर निकल कर बनेगा नाग. अच्‍छा है – अंडा ही कुचल देँ हम. रोम. ब्रूटस का उपवन. (ब्रूटस आता है.) ब्रूटस लूसियस! लूसियस! पता …

जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 1. रोम ब्रूटस का उपवन

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अभी सीज़र है अंडे मेँ सँपोला. बाहर निकल कर बनेगा नाग. अच्‍छा है – अंडा ही कुचल देँ हम. रोम. ब्रूटस का उपवन. (ब्रूटस आता है.) ब्रूटस लूसियस! लूसियस! पता …

जूलियस सीज़र. अंक 1. दृश्य 3. रोम एक राजमार्ग

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जो दासता लाद दी गई है हम पर, चीख़ चिल्‍ला कर कह रही है : नपुंसक हैँ हम! नपुंसक हैँ हम! रोम. एक राजमार्ग. (बिजली. गड़गड़ाहट. एक ओर से कास्‍का …

जूलियस सीज़र. अंक 1. दृश्य 2. रोम नगर मार्ग

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त्रिकालज्ञ है, ज्‍योतिषी है. कह रहा है, सावधान, मार्च के मध्‍य से सावधान नगर मार्ग. (तूर्यनाद. सीज़र आता है. साथ मेँ हैँ दौड़ के लिए तैयार एंटनी. कैल्‍पूर्निया, पोर्शिया. डीसियस, …

जूलियस सीज़र. अंक 1. दृश्य 1. रोम एक मार्ग

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उल्‍लास क्योँ? आनंद क्योँ? किस की विजय? किस पर विजय? कैसी विजय? रोम. एक मार्ग. (फ़्‍लावियस और मारूलस आते हैँ. कुछ नगरजन आते हैँ.) फ़्‍लावियस जाओ! आज छुट्टी है क्‍या? …

- फ़ाउस्टस का अंत -

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  कभी बहुत पहले पिछली सदी के पचासादि दशक मेँ मारलो के फ़ाउस्टस नाटक के अंतिम दृश्य का अनुवाद – क्रिस्‍टोफ़र मारलो –अनुलाद – © अरविंद कुमार     मारलो …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 8 – गहरी पर्वतीय घाटियाँ, वन, शिखर, मरुथल

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ८. गहरी पर्वतीय घाटियाँ, वन, शिखर, मरुथल. ईसाई हठयोगी – साधु संन्‍यासी पर्वत स्‍तरोँ …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 7 – समाधि

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ७. समाधि कंकाल कौन है? किस ने चलाए थे फावड़े कुदाल? किस ने बनाया …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 6 – महल की दीवार के बाहर बड़ा मैदान

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ६. महल की दीवार के बाहर बड़ा मैदान मशालेँ. मैफ़िस्टोफ़िलीज़, लंगूर जैसे नर कंकाल, …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 5 – आधी रात

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ५. आधी रात चार बूढ़ी खूसट पिशाचनियाँ आती हैँ. पहली मेरा नाम है कमताई… …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 3 – महल

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ३. महल विशाल राजप्रासाद. चौड़ी गहरी नहर. बहुत बूढ़ा फ़ाउस्ट विचारमग्न है, चहलक़दमी कर …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 2 – वाटिका

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार २. वाटिका तीनोँ भोजन की मेज़ पर – बौकिस मौन हो? नहीँ है खाने …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 1 – खुला मैदान

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १. खुला मैदान यात्री वही पुरातन लिंडन फहराते वय मेँ वृद्ध, गहन छतनारे. लहराते …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 4 दृश्य 3 – विद्रोही सम्राट का शिविर

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ३. विद्रोही सम्राट का शिविर सिंहासन. समृद्ध परिवेश. छीनझपट. लुटेरी बंजारन. लुटेरी बंजारन सब …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 4 दृश्य 2 – टीले के कगार पर

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार २. टीले के कगार पर नीचे से नगाड़े और सैन्य संगीत. सम्राट का शिविर. …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 4 दृश्य 1 – उच्च पर्वतमाला

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १. उच्च पर्वतमाला सुदृढ़ सुविशाल सोपानित शैल शिखरोँ की श्रेणी. एक बादल निकट आता …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 3 – स्पार्टा मेँ मेनेलाउस के राजभवन के बाहर

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार अंक ३ स्पार्टा मेँ मेनेलाउस के राजभवन के बाहर हेलेना का प्रवेश. साथ मेँ …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 2 दृश्य 5 – रोड्स द्वीप के कांस्यकार

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ५. रोड्स द्वीप के कांस्यकार समुद्री अश्वोँ और नागोँ पर सवार – हाथ मेँ …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 2 दृश्य 4 – अजा सागर तट – पथरीली कंदराएँ

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार     ४. अजा सागर तट – पथरीली कंदराएँ क्षितिज पर चंद्रमा ठहरा ठिठका …