जूलियस सीज़र. अंक 2. दृश्य 3. रोम दुर्ग प्राचीर के निकट मार्ग

In Culture, Drama, History, Poetry, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

स्‍वागत है मौत

रोम. दुर्ग प्राचीर के निकट मार्ग.

(आर्तेमिडोरस आता है. वह एक पत्र पढ़ रहा है.)

आर्तेमिडोरस

सीज़र, ब्रूटस से सावधान. कैसियस से बच. कास्‍का को रख दूर. सिन्ना पर रहे नज़र. ट्रेबोनियस पर भरोसा मत कर. मेटेलस सिंबर को पहचान. डीसियस ब्रूटस नहीँ है तेरा हितैषी. कायस लिगारियस को तू ने पहुँचाई थी चोट. इन सब का एक ही नारा है : ‘सीज़र को हटाओ.अमर नहीँ है तू. सावधान. भीतर ही भीतर चल रहा है षड्यंत्र.

तेरा शुभ चिंतक

 - आर्तेमिडोरस

 

यहाँ पर ही खड़ा हो जाता हूँ. सीज़र

आएगा तो यह रुक्‍का आवेदन

की तरह पकड़ा दूँगा. क्योँ नहीँ

देख पाते संसारी जन किसी का

उत्‍थान? पढ़ ले जो सीज़र तो बच

जाएगी तेरी जान, न पढ़ पाया –

तो भाग्‍य है द्रोह के साथ.

(जाता है.)

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