आँख चर्चा – 5
आँख बैठना : (1) आँख का भीतर की ओर धँस जाना. चोट या रोग आँख का डेला गड़ जाना (2) आँख फूटना.
आँख भर आना : आँख मेँ आँसू आना.
आँख भर देखना : ख़ूब अच्छी तरह देखना. तृप्त हो कर देखना. अघा कर देखना. इच्छा भर देखना. उ.—गाज परै यहि लाज पै री अँखियाँ भरि देखन हू नहिं पाई.—(शब्द.); जैसे—तनिक वे यहाँ आ जाते, हम उन्हेँ आँख भर देखा तो लेते.
आँख भर लाना : आँसू भर लाना. आँखा डबडबाना. रोवाँसा हो जाना.
आँख भौँ ठेढ़ी करना : आँख दिखाना. क्रोध की दृष्टि से देखना. तेवर बदलना.
आँख मचकाना : (1) आँख खोलना और फिर बंद करना. पलकों को सिकोड़कर गिराना. (2) इशारा करना. सैन मारना, जैसे— तुम ने आँखा मचका दी, इसी से वह भड़क गया.
आँख मलना= सो कर उठने पर आँखोँ को जल्दी खुलने के लिए हाथ से धीरे धीरे रगड़ना.
आँख मारना : (1) इशारा करना. सनकारना. पलक मारना. आँख मटकाना.
आँख मिलना : साक्षात्कार होना. देखा देखी होना. नज़र से नज़र मिलना.
आँख मिलाना : (1) आँख सामने करना. बराबर ताकना. नज़र मिलाना. (2) सामने आना. संमुख होना. मुँह दिखाना, जैसे—अब इतनी बेईमानी कर के वह हमसे क्या आँख मिलाएगा.
आँख मुँदना : आँखा बंद होना.
आँख मूँदना : (1) आँख बंद करना. पलक गिराना. (2) मरना, जैसे—जिस दिन वे आँख मूँदेँगे, सब जहाँ का तहाँ हो जाएगा. (3) ध्यान न देना, जैसे—उन्हेँ जो जी मेँ आए करने दो, तुम आँखा मूँद लो.
आँखोँ मेँ : दृष्टि मेँ. नज़र मेँ. परख मेँ. अनुमान मेँ; जैसे—(क) हमारी आखोँ मेँ तो इस का दाम अधिक है. (ख) हमारी आँखोँ मेँ यह जँच गई है.
आँख मेँ आँख डालना : (1) आँख से आँख मिलाना. बराबर ताकना. (2) ढिठाई से ताकना, जैसे— बैठा आँख मेँ आँख डालता है, अपना काम नहीं देखता.
आँख मेँ काजल घुलना : काजल का आँख मेँ ख़ूब लगना.
आँख मेँ खटकना : नज़रोँ मेँ बुरा लगना. अच्छा न लगना.
आँखोँ मेँ ख़ून उतरना : क्रोध से आँख लाल होना. रिस चढ़ना.
आँख मेँ गड़ना : (1) आँख मेँ खटकना. बुरा लगना. (2) मन मेँ बसना. जँचना. पसंद आना. ध्यान पर चढ़ना.
किसी की आँखोँ मेँ घर करना = (1) आँख मेँ बसना. हृदय मेँ समाना. ध्यान पर चढना. (2) किसी को मोहना या मोहित करना; जैसे—पहली ही भेँट मेँ उस ने राजा की आँखोँ मेँ घर कर लिया.
आँखोँ मेँ चढ़ना : नज़र मेँ जँचना. पसंद आना.
आँखोँ मेँ चरबी छाना =(1) घमंड, बेपरवाही या असावधानी से सामने की चीज़ न दिखाई देना. प्रमाद से किसी वस्तु की ओर ध्यान न जाना; जैसे—देखते नहीं वह सामने किताब रखी है, आँखोँ मेँ चरबी छाई है? (2) मदांध होना. गर्व से किसी की ओर ध्यान न देना. अभिमान मेँ चूर होना; जैसे—आजकल उन की आँखोँ मेँ चरबी छाई है; क्योँ किसी को पहचानेँगे.
आँख मेँ चुभना : (1) आँख मे धँसना. (2) आँख मेँ खटकना. नज़रोँ मेँ बुरा लगना. (3) दृष्टि मेँ जँचना. ध्यान पर चढना. पसंद आना
आँखोँ मेँ चुभना : (1) नज़र मेँ खटकना. बुरा लगना. (2) आँखोँ मेँ जँचना. पसंद आना. (3) आँखोँ पर गहरा प्रभाव डालना; जैसे— इस के दुपट्टे का रंग तो आँखोँ मेँ चुभा जाता है.
आँख मेँ चोभ आना : चोट आदि लगने से आँखोँ मेँ ललाई आना.
आँखोँ मेँ झाँई पडना : आँखोँ का थक जाना. उ.—आँखडियाँ झाँई परीँ, पंथ निहारि निहारि. जीभडियाँ छाला पर्यो, राम पुकारि पुकारि.—कबीर (शब्द.).
आँखोँ मेँ टेसू फूलना, आँखोँ मेँ तीसी फूलना, आँखोँ मेँ सरसॉँ फूलना : चारोँ ओर एक ही रंग दिखाई पडना. जो बात जी मे समाई है, उसी का चारोँ ओर दिखाई पड़ना. जो बात ध्यान मेँ चढ़ी है, चारोँ ओर वही सूझना. (2) नशा होना. तरंग उठना; जैसे—भाँग पीते ही आँखोँ मेँ सरसॉँ फूलने लगी. (3) घमंड होना. गर्व से किसी को न देखना.
आँखोँ मेँ तकला या टेकुआ चुभाना : आँख फोड़ना. (स्त्रियाँ जब किसी पर उस की दृष्टि की वज़ह से बहुत कुपित होती हैँ, तब कहती हैँ कि ‘जी चाहता है कि इस की आँखोँ मेँ टेकुआ चुभा दूँ ).
आँखोँ मेँ तरावट आना : आँखोँ मेँ ठंढक आना. तबीयत का ताज़ा होना.
आँखोँ मेँ धूल देना, आँखोँ मेँ धूल डालना : सरासर धोखा देना. भ्रम मेँ डालना. उ.—(क) हरि की माया कोउ न जानै आँखि धूरि सी दीन्हीं. लाल ढीगनि की सारी ताको पीत उढनीयाँ कीनी.— सूर (शब्द.). (ख) सोई अब अमृत पिवति है मुरली, सबहिनि के सिर नाँखि. लियौ छँडाइ सकल सुनि सूरज बैनु धूरि दै आँखि.—सूर (शब्द.).
आँखोँ मेँ नाचना : दे. आँखोँ मेँ फिरना.
आँखोँ मेँ नून देना : आँख फोड़ना.
आँखोँ मेँ नून राई : आँखेँ फूटें. (स्त्रियाँ उन लोगों के लिए कहती हैँ जो उन के बच्चोँ को नज़र लगाते हैँ. किसी बच्चे को नज़र लगने का संदेह होने पर वे उस का नाम ले कर और बच्चे के चारोँ और राई नमक घुमा कर आँखोँ मेँ छोड़ती हैँ).
आँखोँ मेँ पालना : बडे सुख चैन से पालना. बड़े लाड़ प्यार से पालन पोषण करना.
आँखोँ मेँ फिरना : ध्यान पर चढ़ना. स्मृति मेँ बना रहना, जैसे—उस की सूरत मेरी आँखोँ के सामने फिर रही है.
आँखोँ मेँ बसना : ध्यान पर चढ़ना. हृदय मेँ समाना. किसी वस्तु का इतना प्रिय लगना कि उस का ध्यान हर समय चित्त मेँ बना रहे, जैसे—उस की मूर्ति तुम्हारी आँखोँ मेँ बस गई है.
आँखोँ मेँ बैठना : (1) नज़र मेँ गड़ना. पसंद आना. (2) आँखोँ पर गहरा प्रभाव डालना. आँखोँ मेँ धँसना (चटकीले रंग के विषय मेँ प्रायः कहते हैँ कि ‘इस कपड़े का रंग तो आँखोँ मेँ बैठा जाता है.‘).
आँखोँ मेँ भंग घुटना : आँखोँ पर भाँग का ख़ूब नशा छाना. गहागड्ड नशा होना.
आँखोँ मेँ रखना : (1) लाड़ प्यार से रखना. प्रेम से रखना. सुख से रखना; जैसे—आप निश्चिंत रहिए मैं इस लडके को आँखोँ मेँ रखूँगा. उ.—आँखिन मेँ सखि राखिबे जोग इन्है किमि कै बनवास दियो है.—तुलसी. (2) सावधानी से रखना. यत्न और रक्षापूर्वक रखना. हिफ़ाज़त से रखना.
आँखोँ मेँ रात कटना : किसी कष्ट, चिंता या व्यग्रता से सारी रात जागते बीतना. सारी रात नीँद न पड़ना. वियोग मेँ तड़पना.
आँखोँ मेँ रात काटना : किसी कष्ट, चिंता या व्यग्रता के कारण जाग कर रात बिताना. किसी कष्ट, चिंता या व्यग्रता के कारण रात भऱ जागना; जैसे—बच्चे की बीमारी से कल आँखोँ मेँ रात काटी.
आँखोँ मेँ शील होना : चिंता मेँ कोमलता होना. दिल मेँ मुरौवत होना.
आँखोँ मेँ समाना : हृदय मेँ बसना. ध्यान पर चढ़ना. चित मेँ स्मरण बना रहना; जैसे—दमयंती की आँखोँ मेँ तो नल समाए थे; उस ने सभा मेँ और किसी राजा की ओर देखा तक नहीं.
आँख मोड़ना : दे. ‘आँख फेरना‘.
आँख रखना : (1) नज़र रखना. चौकसी करना; जैसे—देखना, इस लड़के पर आँख रखना कहीं भागने न पाए.—(2) चाह रखना. इच्छा रखना; जैसे—हम भी उस वस्तु पर आँख रखते हैँ. (3) आसरा रखना. भलाई की आशा रखना; जैसे—उस कठोरहृदय से कोई क्या आँख रखे.
आँख लगना : नीँद लगना. झपकी आना. सोना. उ.—जब जब वै सुधि कीजियै, तब तब सब सुधि जाँहि. आँखनु आँखि लगी रहे, आँखैँ लागति नाँहि.— बिहारी. जैसे—आँख लगी ही थी कि तुम ने जगा दिया. (2) प्रीति होना. दिल लगाना. उ.— (क) धार लगै तरवार लगै पर काहु से काहु की आँख लगै ना.—(शब्द.). (ख) ना खिन टरत टारे, आँखि न लगत पल, आँखिन लगैरी श्यामसुंदर सलोने से.—देव (शब्द.). (3) टकटकी लगना. दृष्टि लगना; जैसे—हमारी आँखें उसी ओर तो लगी हैँ; पर वे कहीं आते दिखाई नहीं देते. उ.—पलक आँख तेहि मारग, लागी दुनहु रहहिं. कोउ न संदेशी आवही, तेहिक सँदेस कहाहिं.—जायसी (शब्द.).
आँखोँ लगना : आँखोँ मेँ लगना. ऊपर पड़ना. ऊपर आना. शरीर पर बीतना. उ.—झरज रज लागे मोरी अँखियनि रोग दोष जंजाल. —सूर.
आँख लगाना : (1) टकटकी बाँध कर देखना. प्रीति लगाना. नेह जोड़ना.
आँखलगी : (1) जिस से आँख लगी हो. प्रेमिका.
आँख लड़ना : (1) देखादेखी होना. आँख मिलना. घूराघूरी होना. नज़रबाज़ी होना. (2) प्रेम होना. प्रीति होना; जैसे—अब तो आँखेँ लड़ गई हैँ; जो होना होगा सो होगा.
आँख लड़ाना : आँख मिलाना. घूरना. नज़रबाज़ी करना. (लडकों का यह एक खेल भी है जिस मेँ एक दूसरे को टकटकी बाँध कर ताकते हैँ. जिस की पलक गिर जाती है, उस की हार मानी जाती है).
आँख ललचाना : देखने की प्रबल इच्छा होना.
आँख लाल करना : आँख दिखाना. क्रोध की दृष्टि से देखना. क्रोध करना.
आँखवाला : (1) जिसे आँख हो. जो देख सकता हो; जैसे—भाई, हम अंधे सही; तुम तो आँखवाले हो देख कर चलो. (2) परखवाला. पहचाननेवाला. जानकार. चतुर; जैसे—तुम तो आँखेवाले हो तुम्हे कोई क्या ठगेगा.
आँख सामने न करना : सामने न ताकना. नज़र न मिलाना. दृष्टि बराबर न करना (लज्जा और भय से प्रायः ऐसा होता है. ); जैसे— जब से उस ने मेरी पुस्तक चुराई कभी आँख सामने न की. (2) सामने ताकने या वाद प्रतिवाद करने का साहस न करना. मुँह पर बातचीत करने की हिम्मत न करना; जैसे—भला उस की मजाल है कि आँख सामने कर सके.
आँख सामने न होना : लज्जा से दृष्टि बराबर न होना. शर्म से नज़र न मिलना; जैसे—उस दिन से फिर उस की आँख सामने न हुई.
आँखोँ सुख कलेजे ठंढक : पुरी प्रसन्नता. ऐन ख़ुशी. ( जब किसी बात को लोग प्रसन्नतापूर्वक स्वीकृत करते हैँ तब यह वाक्य बोलते हैँ.)
आँख सेँकना : (1) दर्शन का सुख उठाना. नेत्रानंद लेना. (2) सुंदर रूप देखना. नज्जारा करना.
आँख से आँख मिलाना =(1) सामने ताकना. दृष्टि बराबर करना. (2) नज़र लड़ाना.
आँखोँ से उतरना : नज़रोँ से गिरना. दृष्टि मेँ नीचा ठहरना; जैसे—वह अपनी इन्हीँ चालोँ से सब की आँखोँ से उतर गया.
आँखोँ से उतारना या उतार देना : (1) किसी वस्तु या व्यक्ति को जानबूझ कर भुला देना. (2) किसी वस्तु या व्यक्ति का मूल्य कम कर देना.
आँखोँ से ओझल होना : नज़र से ग़ायब होना. सामने से दूर होना.
आँखोँ से काम करना : इशारोँ से काम निकालना.
आँखोँ से कोई काम करना : बहुत प्रेम और भक्ति से कोई काम करना.
आँखोँ से गिरना : नज़रोँ से गिरना. दृष्टि मेँ तुच्छ ठहरना, जैसे— अपनी इसी चाल से तुम सब की आँखोँ से गिर गए.
आँख से भी न देखना : ध्यान भी न देना. तुच्छ समझना; जैसे— उस से बातचीत करने की कौन कहे मैं तो उसे आँखोँ से भी न देखूँ.
आँखोँ से लगा कर रखना : बहुत प्रिय कर के रखना. बहुत आदर—सत्कार से रखना.
आँखोँ से लगाना : प्यार करना. प्रेम से लेना; जैसे—उस ने अपनी प्रिया के पत्र को आँखोँ से लगा लिया.
आँख होना : परख होना. पहचान होना. शिनाख़्त होना. जैसे—तुम्हेँ कुछ आँख भी है कि चीज़ोँ का दाम ही लगाना जानते हो. (2) नज़र गड़ाना. इच्छा होना. चाह होना, जैसे—उस तसवीर पर हमारी बहुत दिनों से आँख है. (3) ज्ञान होना. विवेक होना. उ.—देखों राम कैसो कहि कदै किए. किए हिये, हूजिये कृपाल हनुमान जू दयाल हौ. ताही समै फैलि गए कोटि कोटि कपि नए लौचैं तनु खैचैं चीर भयो यों विहाल हो. भई तब आँखें दुख सागर को चाखैं, अब वही हमेँ राखैं भाखें वारों धन माल हो.
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