003 पूर्वपीठिका
(शब्दवेध से) - वह सुबह - 27 दिसंबर 1973. मुंबई की मालाबार हिल पर हैंगिंग गार्डन. मैँ ने कुसुम को ...
Read More
Read More
002 शब्दवेध: एक परिचय
(शब्दवेध से) मैँ पौंडिचेरी (अब पुदुचेरी) की 2. वैश्यल स्ट्रीट पर देवी हाउस की तीसरी मंज़िल मेँ फ़्लैट के ड्राइंग ...
Read More
Read More
001 मेरे पापा का बचपन – मेरठ तक
(शब्दवेध से) मेरठ का घंटाघर. (फ़ोटो लगभग 2014-15). पापा के बचपन मेँ यहाँ बीच वाला डिवाइडर नहीँ था. दाहिनी ओर ...
Read More
Read More
समांतर कोश छपा इस तरह
हिंदी के माथे पर ऐसे लगी सुनहरी बिंदी स्वभाव से मैँ बहुत संकोचशील हूँ, झिझकू स्वभाव के साथ कुछ कुछ ...
Read More
Read More
‘समांतर कोश’ नाम कैसे बना
कमलेश्वर का योगदान हिंदी थिसारस का नाम समांतर कोश कैसे बना इस की भी एक कहानी है. इस पर काम ...
Read More
Read More
आँखेँ बैठती हैं, आँखोँ बैठते हैँ, आँख मारते हैँ, आँख लड़ाते हैँ, और तो और आँखोँ मेँ रहते हैँ, आँखोँ मेँ बसाते भी हैँ, आँख होती भी है
आँख चर्चा – 5 आँख बैठना : (1) आँख का भीतर की ओर धँस जाना. चोट या रोग आँख ...
Read More
Read More
आँखेँ बहुत कुछ कहती हैँ, लाल अंगारा हो जाती हैँ, और हम आँख दिखाते हैँ
आँख चर्चा – 4 आँखेँ तरेरना: क्रोध से आँखेँ निकाल कर देखना. क्रोध की दृष्टि से देखना. उ.—सुनि ...
Read More
Read More
आँख खुलना, आँख खोलना और आँखेँ चार होना
आँख चर्चा – 3 आँख खुलना: (1) पलक खुलना. परस्पर मिली या चिपकी हुई पलकोँ का अलग हो ...
Read More
Read More
दोनों आँखेँ बराबर हैँ
आँख चर्चा – 2 आँख. (1) ध्यान. लक्ष्य. जैसे उन की आँख बुराई ही पर रहती है. आँख. (2) ...
Read More
Read More
दाहिनी आँख है इंद्र, तो बाईं है इंद्राणी
आँखेँ हमारे चेहरे का सब से आकर्षक अंग हैँ. आँख को नयन भी कहते हैँ, जिस का मतलब है ले ...
Read More
Read More
Comments