एक परिचय
(प्रकाशन के कालक्रम से)
समांतर कोश – हिंदी थिसारस
1996 में छपा मुखपृष्ठ
शब्द शक्ति को कई गुना बढ़ाने का सबल साधन है – समांतर कोश. आधुनिक भारतीय भाषाओँ मेँ एकमात्र बृहद और बहुपुरस्कृत थिसारस. संस्कृत के निघंटु और अमर कोश की परंपरा को विश्वज्ञान से जोड़ कर हिंदी को संसार की समृद्धतम भाषाओँ के समकक्ष खडा करने वाला ग्रंथ. साहित्यकारों, पत्रकारों, अनुवादकोँ, विज्ञापकोँ, प्राध्यापकोँ, छात्रों और अधिकारियोँ को लेखन मेँ सही शब्द सुझाने वाला उपयोगी उपकरण. इस क्रांतिकारी कोश को किसी ने भारत का गौरव ग्रंथ कहा, किसी ने हिंदी के माथे पर सुनहरी बिंदी, किसी ने पूरी सदी की सर्वोत्तम रचना, किसी ने स्वाधीन भारत मेँ हिंदी की महानतम उपलब्धि. महान कोशकार डा. हरदेव बाहरी ने इसे पुस्तकालयों के लिए अनिवार्य कहा. माधुरी और सर्वोत्तम रीडर्स डाइजेस्ट जैसी पत्रिकाओँ के प्रख्यात संस्थापक संपादक अरविंद कुमार और उन की पत्नी कुसुम कुमार ने इस की रचना मेँ जीवन के बीस सुनहरे वर्ष लगाए…
महामहिम डा, शंकर दयाल शर्मा अरविंद दंपति से समांतर कोश लेते हुए
हिंदी की विशाल संपदा आप की मेज़ पर रखने वाले स्वाधीनता के पचासवें वर्ष मेँ राष्ट्र को स्वर्णिम उपहार के रूप मेँ इस अनोखे कोश की पहली प्रति राष्ट्रपति डाक्टर शंकर दयाल शर्मा को भेंट की गई और इसे राष्ट्रपति डाक्टर के. आर. नारायणन ने पुरस्कृत किया.
नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया, ए-5, ग्रीन पार्क, नई दिल्ली 110016
दो जिल्दोँ मेँ 1,768 पृष्ठ. दोनों खंडों का संयुक्त मूल्य : रु. 600.00
अरविंद सहज समांतर कोश
थिसारस भी, शब्दकोश भी
मानव संसाधन मंत्री श्री अर्जुन सिंह कोश का विमोचन कर रहे हैं
भारत मेँ पहली बार अकारादि क्रम से थिसारस…हिंदी को एक और नया आयाम देने वाला 21वी सदी का पहला नई तरह का कोश
समांतर कोश का क्रम संदर्भ क्रम था. उस मेँ शब्दों का संकलन विषय क्रम से किया गाया था. आजकल विश्व मेँ अकारादि या कोश क्रम से थिसारसोँ का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. हिंदी को वैसा पहला थिसारस देने का काम यह पुस्तक करती है. इस मेँ कुछ ऐसे तत्त्व हैँ जो इसे उन सब से बहुत आगे ले जाते हैँ. इस मेँ विलोम कोश (या रीवर्स डिक्शनरी) भी बड़ी ख़ूबी से पिरोई गई हैँ. पाठक न केवल किसी शब्द के पर्याय, सपर्याय और विपर्याय पाता है, बल्कि वह अर्थों के लिए शब्द भी पाता है…..
राजकमल प्रकाशन प्रा. लि., 1-बी नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्ली 110002
अब सजिल्द और पेपर बैक संस्करणोँ मेँ
शब्देश्वरी
देवीदेवताओँ के नामोँ का समांतर कोश
विष्णु सहस्रनाम और शिव सहस्रनाम की परंपरा को बढ़ाने वाला ग्रंथ. इतिहास मेँ इतने सारे देवीदेवताओँ के इतने सारे नाम इस से पहले एक साथ कभी संकलित नहीं हुए… ईश्वर 562, ब्रह्म 199, ब्रह्मा 301, सरस्वती 108, विष्णु 1,676, लक्ष्मी 119, राम 129, सीता 65, कृष्ण 441, राधा 31, बलराम 98, अर्जुन 93, शिव 2,411, पार्वती 178, दुर्गा 530, काली 34, गणेश 141, स्कंद 161, इंद्र 451, कामदेव 287…
राजकमल प्रकाशन प्रा. लि., 1-बी नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्ली 110002
द पेंगुइन इंग्लिश-हिंदी/हिंदी-इंग्लिश थिसारस ऐंड डिक्शनरी
कोशकारिता मेँ विश्व मेँ नया मील का पत्थर रखने वाला द्विभाषी थिसारस और शब्दकोश. छोटे होते संसार मेँ नई आवश्यकताओँ की पूर्ति करने के लिए अनोखा कोश. तीन खंडों मेँ ए-4 साइज़ के चार कालम वाले छोटे टाइप मेँ ठसाठस भरे 3,144 पेज. पहला खंड थिसारस है, तो दूसरा इंग्लिश-हिंदी कोश और इंडैक्स और तीसरा हिंदी-इग्लिश कोश और इंडैक्स. इतना बड़ा प्रयास इस से पहले किन्हीं दो भाषाओँ मेँ इस से पहले कभी नहीं हुआ. स्वाधीनता के हीरक जयंती वर्ष मेँ राष्ट्र को अनुपम उपहार.
प्रकाशक: पेंगुइन इंडिया, 11, कम्यूनिटी सैंटर, पंचशील, नई दिल्ली 110017
ए-4 आकार वाले तीन खंड (बाक्स मेँ) –पृष्ठ : 3,144 – मूल्य : रु. 3,999.00
प्राप्ति स्थान – अरविंद लिंग्विस्टिक्स
E-28, फ़र्स्ट फ़्लोर, कालिंदी कालोनी, नई दिल्ली 110 065
ईमेल : meeta@arvindkumar.me – sales@arvindkumar.me
The Penguin Language Explorer
1. Hindi–English 2. English–HIndi
The first-ever India-centric alphabetically arranged bilingual dictionary–thesauruses. While both are companion works, each can be used independently.
Designed to serve the needs of those who use either English or Hindi or both, and those who want to improve their vocabulary and diction and communicate more fluently, both are invaluable resources for students, educators, managers, office employees, writers and translators, as well as those who are more at home with English and may fumble for the right Hindi word to express an idea.
Penguin India, 11, Community Centre, Panchsheel, New Delhi 110017
Rs 450.00 each
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