सौंदर्य प्रतियोगिता

In Culture, History, Literature, People by Arvind KumarLeave a Comment

वर्ड पावर – word power

 

आजकल सौंदर्य प्रतियोगिताएँ व्यापार बन गई हैँ. अंततोगत्वा इन के आयोजक सौंदर्य उपचारोँ के विज्ञापन दाताओँ को महँगी क़ीमत पर विश्वप्रसिद्ध माडल दिलाने वाली एजेंसी का ही काम कर पाते हैँ. जो भी हो, ख़ासोआम आदमी को सुंदरियोँ के चित्रोँ से आँखेँ सेँकने का माकूल बहाना मिल जाता है.

 

सौंदर्य प्रतियोगिता कोई नई या अनोखी चीज़ नहीँ है. प्राचीन सभ्यताओँ मेँ गण सुंदरी, नगर सुंदरी आदि चुनी जाती थीँ. वैशाली की नगरवधु प्रतियोगिता प्रसिद्ध है. श्री भगवतीचरण वर्मा ने इस नाम के उपन्यास के द्वारा पाप और पुण्य को परखने की जो कोशिश की वह हिंदी के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासोँ मेँ गिनी जाती है.

आजकल सौंदर्य प्रतियोगिताएँ व्यापार बन गई हैँ. अंततोगत्वा इन के आयोजक सौंदर्य उपचारोँ के विज्ञापन दाताओँ को महँगी क़ीमत पर विश्वप्रसिद्ध माडल दिलाने वाली एजेंसी का ही काम कर पाते हैँ. जो भी हो, ख़ासोआम आदमी को सुंदरियोँ के चित्रोँ से आँखेँ सेँकने का माकूल बहाना मिल जाता है.

सौंदर्य प्रतियोगिताएँ केवल महिलाओँ की नहीँ होतीं, पुरुषोँ की भी, हाथियोँ और ऊँटोँ तक की होती हैँ… पालतू कुत्ते भी अपनी ब्यूटी परेडोँ मेँ हिस्सा लेते हैँ.

सौंदर्य प्रतियोगिता सं

ब्यूटी कंटैस्ट, रूप प्रतियोगिता.

संबद्ध भाव

देहानुपात, फ़ैशन शो, ब्यूटी क्वीन.

ब्यूटी क्वीन सं

सौंदर्य प्रतियोगिता विजेता स्त्री नगर सुंदरी, भारत सुंदरी, मिस इंडिया, मिस यूनिवर्स, मिस वर्ल्ड, रूप की रानी, रूपरानी, वरसुंदरी, विश्व सुंदरी, संसार सुंदरी, सौंदर्य सम्राज्ञी.

नगर सुंदरी से नगरवधु और वैशाली की नगरवधु चित्रलेखा की याद आती है, पर उस रैड लाइट एरिया मेँ आज के कुलीन जन नहीँ जाते. वे जाते हैँ डिस्कोथीकों मेँ, डांसरोँ के शोओँ मेँ, स्ट्रिप टीज़रोँ की तरफ़. हम उधर का मुँह भी नहीँ करेँगे…छी! घरगिरस्ती वाले बड़े बूढ़े कहीँ वहाँ जाते हैँ!

सौंदर्य प्रतियोगिता मापदंड सं

स्त्री वक्ष कटि नितंब अनुपात: अंग अनुपात, आनुपातिकता, निरूपण, नुमाइश, बनावट, वाइटल स्टैटिस्टिक्स, सौंदर्य अनुपात, सौंदर्य माप.

संबद्ध भाव

देहानुपात, देहानुपात, पतली कमर वाला, सुडौलता, सौंदर्य.

और देहानुपात होता है—

देहानुपात सं

अंग अनुपात, अंग आकृति, अंगलेट, अंग संहति, अंगानुपात, अनुपात, अनुपात: अंग, अनुपात: शरीर, आकृति, काय अनुपात, काय माप, कायरूप, गठन, गढ़त, गढ़न, डीलडौल, डौल, ढब, धज, फ़िगर, बनत, बनन, बनाव, बनावट, रंगरूप, रचना, रूप, रूपाकार, विग्रह, विन्यास, विरचना, व्यूहक, व्यूहन, शक़ल, शक्ल, शरीर अनुपात, शान, सज, संनिवेश, सन्निवेश, संहति.

संबद्ध भाव

क़द क़ामत, सुडौलता, सौंदर्य प्रतियोगिता, सौंदर्य प्रतियोगिता मापदंड .

 

जहाँ तक स्त्रियोँ की सौंदर्य परीक्षा मेँ देहानुपात को बहुत महत्त्व दिया जाता है गुप्त और मौर्य कालोँ मेँ रंभोरु (यानी केले के तने जैसी चिकनी और मोटी जाँघोँ वाली), कदलीजंघा, बृहज्जघना, वामोरु, वामोरू, और बड़े नितंबोँ के लोग दीवाने थे नितंबिनी, बृहज्जघना होना महिलाओँ का विशेष गुण था. भरापूरा बदन होना भी ज़रूरी था. पीनपयोधरा, पीनवक्षा, पीवरस्तनी, पृथुलवक्षा, व्यूढोरस्का, सुवक्षा, सुवक्षिणी, सुस्तना, सुस्तनी होना भी ज़रूरी था. आजकल भी है. (राखी सावंत का जग दीवाना है!)

पतली कमर होना तब भी और आज भी गुण माना जाता है. उर्दू शायरी उन की तारीफ़ोँ से भरी है. अनुदरा, कटिहीना, तनुमध्यमा, तनुमध्या, तन्वंगिनी, तन्वंगी, तन्वी आजकल कहते हैँ अवर ग्लास (hour glass) जैसी, पहले कहते थे, डमरू जैसी कमर- – -

कहा जाता है आम तौर पर नारी देह वक्ष और नितंब के मुक़ाबले कमर पर पतली होती है. इसी से विशाल वक्ष, पतली कमर और मोटी जंघाओँ को देहानुपात का मापदंड माना जाता है. वक्ष, कमर और नितंब स्थलोँ पर फ़ीते से नापी गई गोलाई को क्वांटिफ़ाई करने की कोशिश की जाती है. 36-29-38 का मतलब है वक्षस्थल पर शरीर की गोलाई 36 इंच, कमर पर 29 इंच और नितंबोँ पर 38 इंच. इन्हेँ वाइटल स्टैटिक्स या vital statistics कहा गया है.

साथ मेँ लंबाई को भी अनुपात से जोड़ा गया है. इस से माप का प्रभाव बदल जाता है. 36-24-36 नाप वाली स्त्री की लंबाई यदि 5 फ़ुट 2 इंच हो तो वह 36-24-36 नाप वाली स्त्री की तुलना मेँ 5 फफ

 फ़ुट 8 इंच ऊँची महिला से भिन्न यानी मोटी लगेगी. यही माप 5.8 होँ तो वह लंबी और पतली नज़र आएगी, क्योँकि उस का मांस 6 और अधिक इंचों मेँ बँट जाएगा. यही कारण है कि आजकल ब्यूटी कंटैस्टों मेँ जजिंग एक हद तक विज्ञान बन गई है. कलात्मक पारखी आँखेँ भी चाहिएँ. आख़िर सौंदर्य को देखने वालोँ की आँखोँ मेँ बसता है. मियाँ ग़ालिब सही फ़रमा गए हैँ, बड़ी मुश्किल से होता है चमन मेँ दीदावर पैदा.

 

23नोट: हर मुख्य शब्द के बाद हिंदी अँगरेजी में व्याकरण कोटि दी गई जैसे n (noun) सं (संज्ञा), pro (pronoun) सर्व (सर्वनाम), v (verb) क्रि (क्रिया), ad (adjective) वि (विशेषण), adv (adverb) क्रिवि (क्रिया विशेषण), आदि. कुछ अन्य चिह्न इस प्रकार हैं– ++ संबद्ध शब्दकोटि, xxविपरीत शब्दकोटि.

अरविंद लैक्सिकन के विशाल डाटा पर आधारित

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©अरविंद कुमार

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