The Penguin Language Explorer (Hindi–English) और उसी के साथ The Penguin Language Explorer (English–Hindi) अपनी तरह के पहले द्विभाषी कोश-थिसारस हैँ. ये एक दूसरे के पूरक भी हैँ और अपने आप मेँ स्वतंत्र भ
इन कोशोँ को हम ‘अर्थांतर’ और ‘शब्दांतर’ कोश यानी शब्दकोश और थिसारस कह सकते हैँ. उदाहरण के लिए ‘अंग’ के अनेक हिंदी-इंग्लिश अर्थ = अंश (part), करवट (armside), गोद (lap), घटक (ingredient), वक्ष (chest), शरीर (body), स्तन (breast).
और उसी ‘अंग’ के हिंदी-इंग्लिश मेँ अनेक पर्यायवाची… और साथ मेँ उस से संबंधित आर्थी कोटियोँ के संकेत…
अंग सं अवयव, कल, गात, गात्र, भाग, शरीर अंग, ⊙ उपांग, ⊙ शरीर.
limb n body organ, body part, organ, part of body, ⊙ limb appendage, ⊙ body.
इस मेँ संकलित शब्दोँ का स्रोत है पिछले 35 वर्षोँ मेँ संकलित हमारा विशाल द्विभाषी डाटा, जिस मेँ कुल मिला कर 9,51,045 (हिंदी की 5,19,460 और इंग्लिश की 4,31,581) अभिव्यक्तियाँ हैँ.
वर्तमान पुस्तक द पेंगुइन लैंग्वेज ऐक्सप्लोरर (हिंदी–इंग्लिश) मेँ उस विशाल डाटाबेस मेँ से बहुत सावधानी से चुन चुन कर 3,854 उपशीर्षकोँ के अंतर्गत हिंदी की 53,600 और इंग्लिश की 43,637 मिला कर 97,237 अभिव्यक्तियाँ हँ. साथ मेँ हैँ उन के पर्यायवाची और संबंधित तथा विपरीत शब्द
स्पष्ट है कि इस कोश का उद्देश्य आप को भाषा के सभी शब्द देना नहीँ है. केवल वही शब्द इस मेँ आप के सामने रखे गए हैँ जो जीवन मेँ अकसर काम आते हैँ या जिन्हेँ जानने और इस्तेमाल करने की ज़रूरत आप को पड़ सकती है. ये वे शब्द हैँ जिन्हेँ हिंदी क्षेत्रोँ में रहने वाले विविध पृष्ठभूमि के लोग काम मेँ लाते हैँ. जैसे :
‘स्वतंत्रता दिवससं (अगस्त 15), इंडिपैंडैंस डे, भारतीय स्वतंत्रता दिवस, यौमे आज़ादी, स्वाधीनता दिवस.’
‘भारतसं इंडिया, इंदुदेश, कर्मभूमि, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य भारत, पुण्यभूमि, भरतखंड, भारत अर्थात इंडिया, भारत माता, भारतवर्ष, सोने की चिड़िया, स्वदेश, हिंद, हिंदुस्तान, हिंदुस्थान, हिंदोस्ताँ, हिंदोस्तान.’
भारत संबंधी इन दोनोँ प्रविष्टियोँ मेँ शब्द ही नहीँ कुछ अतिरिक्त जानकारी भी दी गई है, जैसे ‘स्वतंत्रता दिवस सं (अगस्त 15)’ मेँ यह सूचना कि हमारा स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है. या ‘भारत” मेँ यह सूचना कि संविधान मेँ हमारे देश को ‘भारत अर्थात इंडिया’ और ‘धर्मनिरपेक्ष गणराज्य भारत’ कहा गया है. साथ मेँ यह भी कि इसे कभी ‘इंदुदेश, कर्मभूमि, पुण्यभूमि’ और ‘सोने की चिड़िया’ भी कहा जाता था.
यही नहीँ इस कोश मेँ नए से नए प्रचलित शब्दोँ को भी जगह दी गई है, जैसे ‘अहिंसा’ मेँ आप को ‘गाँधीगिरी’ भी मिल जाएगा.
जिन शब्दोँ का प्रयोग एक से अधिक रूपोँ मेँ प्रचलित है, उन के सभी रूप दिए गए हैँ, जैसे : ‘हिंदुस्तान, हिंदुस्थान, हिंदोस्ताँ, हिंदोस्तान’ या ‘ईर्षा’ और ‘ईर्ष्या’. आप इन मेँ से कोई सा चुन लेँ. सभी सही हैँ.
इन ऐक्सप्लोरर कोशोँ का आयोजन सब के चिरपरिचित अकारादि क्रम से किया गया है. इन के उपयोग के लिए इंडैक्स की सहायता नहीँ लेनी पड़ती. बस, किताब खोलिए, किसी भी शब्द के दोनोँ ही भाषाओँ मेँ संक्षिप्त अर्थ पाइए, और उस शब्द के लिए दोनोँ ही के पर्यायवाची शब्दोँ मेँ से अपनी पसंद के शब्द चुन लेँ तथा साथ ही उस शब्द से मिलते जुलते या उलटे शब्दोँ की जानकारी भी हासिल कर लेँ…
सही तरह के कोश होने के कारण इन मेँ हिंदी की वर्तनी को जहाँ तक हो सके प्रामाणिक रखने की कोशिश की गई है. आज का आम हिंदी पढ़ने वाला ‘अं’ ‘अँ’, ‘हंस’ ‘हँस’ की ही तरह ‘क’ ‘क़’, ‘ख’ ‘ख़’ और ‘ज’ ‘ज़’ जैसी ध्वनियोँ का अंतर भूल चुका है. ऐसा इस लिए हुआ कि जिन दिनोँ हाथ से कंपोज़िंग की जाती थी, तब टाइप रखने के केसोँ या ख़्वानोँ मेँ इतने सारे भिन्न टाइप रखने की जगह मुश्किल से मिलती थी या फिर चंद्रानुस्वार लगी मात्राएँ टूट जाती थीँ. उदाहरण के लिए ‘औँधा’ छपते छपते ‘आधा’ बन जाता था और ‘मेँ’ ‘म’ तथा ‘हैँ’ ‘ह’. आज जब कंप्यूटर ने इस तरह की सब समस्याएँ हल कर दी हैँ तो हमेँ एक बार फिर हिंदी की शुद्ध वर्तनी की ओर लौटना होगा. तभी ‘गल्ला = कपोल (cheek)’ और ‘ग़ल्ला = रोकड़ (cash in the till)’ का सही इस्तेमाल हो सकेगा.
हमारा विश्वास है कि ये कोश आप के परिवार के हर सदस्य को हिंदी और इंग्लिश भाषाओँ की विशाल शब्द संपदा के प्रति उत्सुकता जगा कर उन की खोज की और प्रेरित करेँगे… आप चाहे—
—छात्र होँ (जिन्हेँ अपनी शब्द संपदा बढ़ानी हो या दोनोँ भाषाओँ मेँ निबंघ लिखना या अनुवाद करना हो) . . .
—शिक्षक होँ (जिन्हेँ छात्रोँ को भाषा सिखानी हो, उन मेँ शब्दोँ का प्रेम जगाना हो) …
—माता पिता होँ (जिन्हेँ अपने बच्चोँ को पढ़ाई लिखाई मेँ सहायता देनी हो या घर के काम के शब्दोँ की ज़रूरत हो)
—किसी कार्यालय मेँ काम करने वाले प्रबंधक, पत्र लेखक या किसी अन्य पद पर काम करने वाले जन होँ या लेखक और अनुवादक.
हिंदी और इंग्लिश हमारे जीवन की अभिन्न अंग हैँ और देश की राजभाषाएँ हैँ. हिंदी हमारी अपनी राष्ट्रभाषा है तो इंग्लिश हमारे लिए संसार के साहित्य और विश्व के समूचे ज्ञान के भंडार का महाद्वार है. दोनोँ ही भाषाएँ देश और विदेश मेँ हमारे रोज़गार का साधन भी हैँ. आज के राष्ट्रीय और वैश्विक परिप्रेक्ष्य मेँ हिंदी और इंग्लिश दोनोँ की जानकारी समाज के हर वर्ग के हर घर के सभी सदस्योँ के लिए बेहद ज़रूरी है. तभी हम सामाजिक उन्नति और आर्थिक समृद्धि प्रगति की राह पर निरंतर आगे बढ़ते रह सकते हैँ.
इन पुस्तकोँ को हम हिंदी और इंग्लिश भाषाओँ की समृद्ध शब्दावली में पैठ का पहला पड़ाव कह सकते हैँ. हमारे देश मेँ ये दोनोँ ही अपनी तरह के पहले द्विभाषी शब्दकोश और थिसारस हैँ. अ-हिंदी क्षेत्रोँ के निवासियोँ को ये कोश इंग्लिश के माध्यम से हिंदी शब्दावली से परिचित कराएँगे.
सभी का स्वागत है कि वे इंटरनैट के निम्न पते पर इस के डाटा का निश्शुलक उपभोग करेँ…
शीघ्र हम लोग भारत की अन्य भाषाओँ के त्रिभाषी कोशोँ की रचना पर काम आरंभ करने वाले हैँ, जैसे ‘तमिल–हिंदी–इंग्लिश कोश’ या ऐसे ही अन्य कोश…
—अरविंद कुमार, कुसुम कुमार
17 जनवरी 2011
आज ही http://arvindkumar.me पर लौग औन और रजिस्टर करेँ
©अरविंद कुमार
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