अवालांच से कहीं ख़तरनाक़ होता है आइसबर्ग.
4आइसबर्ग, प्लावी हिम शैल, प्लावी हिम, समुद्री हिम शैल, हिम शैल, हिम संघात. समुद्र में तैरता बर्फ़ का पहाड़. लेकिन इसे कह सकते हैं बला का पहाड़, या छलिया टारपीडो. आँगरेजी में आइसबर्ग शब्द संभवतः डच भाषा से आया है. उस में ‘बर्ग’ के मतलब हैं पर्वत.
अतिशीतल, शांत प्रशांत, मंद मंथर यह पहाड़ दूर से समुद्र यात्रियों को बड़ा मनमोहक लगता है. और यह है भी संसार के सुंदरतम द्ृश्यों में से एक. जब उत्तर ध्रुव क्षेत्र, या उस के आसपास के आइसलैंड या ग्रीनलैंड, या फिर दिक्षण ध्रुव महाद्वीप से फिसलते कुछ हिमनद समुद्र में उतर आते हैं तो वे आइसबर्ग या हिमशैल कहलाने लगते हैं. आकार में ये सुविशाल होते हैं. एक आइसबर्ग तो पूरे बेल्जियम देश के आकार से भी बड़ा था. लंबाई थी ३३५ किलोमीटर और चौड़ाई ९७ किलोमीटर! इन पर पूरा जीवन रहता पनपता है,जैसे वालरस, पोलर रीछ, मछलियाँ, व्हेल…. कई बार ये समुद्र में सतह के नीचे बहुत दूर तक फैले होते है और दिखाई नहीं देते.
अँगरेजी में मुहावरा है टिप आफ़ द आइसबर्ग. भयानक आपदा जो ऊपर से बहुत छोटी नज़र आती हो, छिपा ख़तरा. यही कारण है कि शीतल सागर में तैरने वाले जहाज़ सतह के नीचे छिपे हिमशैलों से टकरा कर नष्ट हो जाते हैं. जहाज़रानी की रक्षा के लिए कई देश इन पर नज़र रखते हैं. पोतों को इन की सूचना दी जाती है. ऐसी ही एक सूचना इतिहास प्रसिद्ध शानदार लाइनर टाइटैनिक को भी मिली थी. वह नज़रअंदाज़ कर दी गई. हुआ वही जो होना था. मजबूती और शानशौक़त पर गर्व करने वाला यह ऐतिहासिक विशाल ऐश्वर्य पोत पहली यात्रा के पहले सप्ताह में ही १४ अप्रैल १९१२ को आइसबर्ग से टकराया, दो टुकड़ों में बँट गया और टूट गया. १,५०० यात्रियों में सो केवल कुछ ही को बचा पाया गया. इस चिरस्मृत दुर्घटना ने संसार को दी एक अत्यंत रोचक रोमांचक फ़िल्म–टाइटैनिक.
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©अरविंद कुमार
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