मरते हैँ कायर बार बार. वीर चखते
हैँ मौत बस एक बार. सब जानते हैँ
आनी है मौत. फिर भी कुछ लोग डरते
हैँ मौत से. मैँ कहता हूँ – स्वागत है मौत.
रोम. सीज़र का महल
(बादलोँ की गड़गड़ाहट. बिजली की कड़क. रात को सोने के कपड़े पहने सीज़र आता है.)
सीज़र
पूरी रात न आकाश को चैन था, न
धरती को. तीन बार कैल्पूर्निया
सोते सोते चीख उठीँ : ‘बचाओ.
मार डाला सीज़र को… !‘ कोई है?
(सेवक आता है.)
सेवक
स्वामी?
सीज़र
जाओ, पुरोहितोँ से कहो, पशु की
बलि चढ़ाएँ और लक्षण बताएँ.
सेवक
जो आज्ञा, स्वामी.
(सेवक जाता है.)
(कैल्पूर्निया आती है.)
कैल्पूर्निया
यह क्या, सीज़र? आज जाएँगे आप?
आज घर से कहीँ नहीँ जाएँगे आप.
सीज़र
जाएगा सीज़र. आपदाओँ ने मुझ
पर किया है पीठ से वार. देखती हैँ
जब वे सीज़र का चेहरा, जाती हैँ हार.
कैल्पूर्निया
सीज़र, जानते हैँ आप – नहीँ माने
मैँ ने कभी अंधविश्वास. पर आज? आज
भयभीत हूँ मैँ. भीतर है हमारा
एक शुभचिंतक. कहता है - शकुन जो
हम ने देखे थे, पहरेदारोँ ने
देखे हैँ उन से भी अनोखे लक्षण.
चौक मेँ सिंहनी ने शावकोँ को जना.
क़ब्रोँ ने उगल दिए गड़े शव.
आकाश मेँ बादलोँ पर अगिया
बेताल लड़ते रहे पूरी रात.
धरती पर उन का लहू बरसा.
युद्धनाद से काँपे नगरवासी.
घोड़े हिनहिनाए. मुरदे कराहे.
चीखते चिल्लाते भूत रात भर सड़कोँ
पर दौड़े. भयानक हैँ ये शकुन.
सीज़र, सचमुच, बेहद भयभीत हूँ मैँ.
सीज़र
जिस का जो अंत होना है, हो कर
रहेगा वह. सीज़र को जाना है.
जाएगा सीज़र. लक्षण ये सब के
लिए हैँ, केवल सीज़र के लिए
तो नहीँ.
कैल्पूर्निया
रंक मरता है, तो
टूटते नहीँ तारे. राजा की मौत
पर धधक उठता है आकाश.
सीज़र
मरते हैँ कायर बार बार. वीर चखते
हैँ मौत बस एक बार. सब जानते हैँ
आनी है मौत. फिर भी कुछ लोग डरते
हैँ मौत से. मैँ कहता हूँ – स्वागत है मौत.
(सेवक आता है.)
क्या कहा पुरोहितोँ ने?
सेवक
आज आप नहीँ जाएँ. बलि पशु
को उन्होँ ने खोला, तो हाथ नहीँ
आया उस का कलेजा…
सीज़र
देखा! यूँ
हँसते हैँ देवता कायरोँ पर. डर कर
घर बैठ गया सीज़र तो हृदयहीन
पशु जैसा ही माना जाएगा
सीज़र. सीज़र को जाना है. भय को
भी पता है – भय से भयानक है
सीज़र. दो शेर हैँ हम. हम जनमे थे
एक ही दिन. बड़ा हूँ मैँ. हूँ भय से
भी भयानक. जाएगा ही सीज़र.
कैल्पूर्निया
आनबान हावी है आप के विवेक पर.
आज मत जाइए आप. अपने नहीँ,
मेरे ही भय से रुक जाइए आप.
हम भेज देँगे एंटनी के हाथ संसद
संदेश. कह देगा वह – स्वस्थ नहीँ
हैँ आप. आप के चरणोँ मेँ झुकी हूँ.
सीज़र
ठीक है, एंटनी कह आएगा – स्वस्थ
नहीँ हूँ मैँ. लीजिए, आप के लिए मान ली मैँ
ने आप की बात.
(डीसियस आता है.)
लो डीसियस आ गए.
ये पहुँचा देँगे संदेश.
डीसियस
सीज़र
की जय हो. प्रणाम, देवी. मैँ आया
हूँ सीज़र को संसद ले जाने.
सीज़र
बिल्कुल
ठीक समय आए हैँ आप. सांसदोँ को
मेरा अभिवादन देँ, और कह देँ –
आज नहीँ आऊँगा मैँ. नहीँ आ
सकूँगा – यह कहना ग़लत होगा.
साहस नहीँ है आने का – यह और
भी ग़लत होगा. नहीँ आऊँगा –
बस, यही कह देँ आप.
कैल्पूर्निया
आप कह देँ –
अस्वस्थ हैँ ये.
सीज़र
सीज़र भेजेगा
असत्य संदेश! वे तमाम भीषण
संग्राम क्या इसी लिए थे – एक दिन
सीज़र सत्य कहने से डरेगा
बूढ़े सांसदोँ से! बस, कह देना – आज
नहीँ आएगा सीज़र.
डीसियस
पर, महाबली
सीज़र, कोई कारण तो बताओ.
अकारण न आने की कहूँगा
तो सब हँसेँगे मुझ पर.
सीज़र
कारण है…
मेरी इच्छा! नहीँ आऊँगा मैँ –
इतना काफ़ी है संसद के लिए.
तुम मेरे मित्र हो. सुनो, डीसियस,
कैल्पूर्निया ने रोका है मुझे.
सपने मेँ देवी ने देखा – मेरी
मूर्ति मेँ हैँ सौ से अधिक घाव. हर घाव
से छूट रहे हैँ लहू के सौ धारे!
हँसते नारे लगाते रोम के लोग
कर रहे हैँ लाल उस लहू से हाथ.
देवी का कहना है – बुरा है
है सपना. चेतावनी है – होने
वाली है अनहोनी. चरण छू कर
माँगी है भीख, घर पर रहूँ मैँ आज.
डीसियस
ग़लत है यह अर्थ! यह सपना है
सूचक सौभाग्य का, अनंत गुणगान
का. प्रतिमा से बहे लहू के
धारे, हँसते खिलखिलाते रोमन
उन मेँ नहाए – मतलब है आप से
मिलेगा रोमन गण को नवजीवन.
बड़े बड़े लोग माँगेँगे आप से
उपहार, पुरस्कार, यादगार, मान सम्मान.
बस, यही है शुभ संदेश देवी के
स्वप्न का.
सीज़र
वाह! क्या सूझ है! क्या समझ है!
डीसियस
यदि आप सुन लेँ मेरे समाचार
तो यही अर्थ निकालेँगे आप.
सांसदोँ ने निर्णय किया है – आज
पहनाएँगे महाबली सीज़र
को मुकुट, ताज़. और जो कहला भेजा आप
ने – आज नहीँ आएँगे आप, बदल
सकता है उन का मन. सोचने की बात
यह भी है – आप के विरोधियोँ को
मिलेगा व्यंग्य बाणोँ का तरकस.
कोई कहेगा, ‘भंग कर दो यह
बैठक! अब मिलेँगे हम उसी दिन
जब सीज़र की पत्नी देखेगी
कोई अच्छा सा सपना!’ और यदि
सीज़र यूँ दुबक गया पत्नी के
दामन मेँ – फुसफुसाएँगे लोग
‘डरता है सीज़र!’ क्षमा करेँ आप,
महाबली सीज़र. मैँ हितैषी
हूँ आप का. आप के प्रेम के अधीन मैँ
बक गया यह सब.
सीज़र
सुन लिया, देवी?
ऊलजलूल थीँ आप की आशंकाएँ.
लानत है मुझ पर – मान ली आप की बात!
देँ मुझे मेरे वस्त्र. जाऊँगा मैँ.
(पबलियस, ब्रूटस, लिगारियस, मेटेलस, कास्का, ट्रेबोनियस और सिन्ना आते हैँ.)
देखो! मुझे ले जाने आए हैँ पबलियस.
पबलियस
सुप्रभात, सीज़र.
सीज़र
स्वागत है,
पबलियस! वाह, ब्रूटस, आप भी. इतनी
सुबह! अच्छा. नमस्कार, कास्का. कायस
लिगारियस, सीज़र को अपना बैरी
मत समझेँ आप. आप का बैरी है ज्वर
जिस ने जर्जर कर दी आप की
काया. क्या बजा है?
ब्रूटस
आठ बजे हैँ.
सीज़र
आभारी हूँ आप सब के प्रेम का.
(एंटनी आता है.)
रात भर जागने वाला एंटनी –
इतनी सुबह! सुप्रभात, एंटनी.
एंटनी
आप को भी, सीज़र महान.
सीज़र
भीतर कहो – तैयारी करेँ…
खेद है आप को यूँ ठहरना पड़ा.
भाई सिन्ना, मेटेलस, और हाँ, आप
ट्रेबोनियस, आप से मुझे करनी
हैँ घंटोँ बातेँ. आज ही आ जाएँ
आप. निकट रहेँ मेरे.
ट्रेबोनियस
हाँ, हाँ, सीज़र.
(स्वगत) मैँ रहूँगा इतना निकट, इतना
निकट कि तुम्हारे निकटतम लोग
कहेँगे – मैँ दूर ही भला था.
सीज़र
मित्रो, भीतर चलेँ मेरे साथ, कुछ
सुरा चख ले मेरे साथ. फिर हम सब
जाएँगे संसद सीधे मित्र समान.
ब्रूटस
(स्वगत) मित्र समान और मित्र मेँ अंतर
है, सीज़र. बहुत दुःख है मुझे.
(सब जाते हैँ.)
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