जूलियस सीज़र. अंक 4. दृश्य 3. ब्रूटस का शिविर.

In Culture, Drama, History, Poetry, Translation by Arvind KumarLeave a Comment

दृश्‍य ३

क्‍या इसी लिए गिराया था हम ने वह महामानव कि आज हम भी करेँगे भ्रष्‍टाचार! चंद सिक्‍कॉँ के वास्‍ते डुबोएँगे नाम.

ब्रूटस का शिविर.

(ब्रूटस और कैसियस आते हैँ.)

कैसियस

सुनिए आप का एक अन्‍याय. आपने

मेरे आदमी लूसियस पैला पर

लगाया आरोप, कहा कि उस ने

वसूली है सार्डिस के लोगोँ से

चौथ. उस के बचाव मैँ ने आप को

पत्र लिखा. नहीँ दिया उत्तर

तक आप ने. यह तो सरासर अपमान

है मेरा.

ब्रूटस

उस का बचाव ठीक नहीँ

था तुम्‍हारे लिए.

कैसियस

ठीक तो यह भी

नहीँ है, संकट की इस घड़ी मेँ,

ऐसी बातेँ उठाएँ आप.

ब्रूटस

यूँ तो

कहने वाले कहते हैँ, खुजलातेी

है तुम्‍हारी भी हथेली. सिक्‍कोँ

पर हो रहे हैँ सरकारी पद नीलाम.

कैसिसय

खुजलाती है मेरी हथेली! क्योँ?

आप नायक ब्रूटस हैँ. बस, इसी

लिए जीवित हैँ आप. होता कोई

और, तो…

ब्रूटस

भ्रष्‍टाचार के साथ जुड़

रहा है तुम्‍हारा नाम. मुँह छिपा

कर बैठा जाता है राजदंड…

कैसियस

दंड!

ब्रूटस

यह है मार्च और मार्च की क्रांति?

जब बहा था सीज़र का लहू न्‍याय

की वेदी पर? था हम मेँ से कोई

दुष्‍ट तब जिस ने न उठाया हो हाथ

न्‍याय के नाम पर? क्‍या इसी लिए

गिराया था हम ने वह महामानव

कि आज हम भी करेँगे भ्रष्‍टाचार!

चंद सिक्‍कोँ के वास्‍ते डुबोएँगे नाम. रोमन

न होता मैँ, काश, होता मैँ कुत्ता!

भौँकता रहता मैँ रात भर चाँद पर.

कैसियस

ब्रूटस, बस करो! यूँ मत भड़काओ

मुझे. यह नहीँ सहूँगा मैँ. तुम

भूल रहे हो – कौन हो तुम, जो यूँ कौंद

रहे हो मुझे. मैँ सैनिक हूँ. तुम

से अधिक अनुभवी हूँ, सक्षम

हूँ.

ब्रूटस

नहीँ है तू.

कैसियस

हूँ.

ब्रूटस

नहीँ है तू.

कैसियस

और मत उकसाओ. भूल जाऊँगा मैँ

अपने को. कुछ तो ध्‍यान करो अपनी

जान का. बस, और मत उकसाओ मुझे.

ब्रूटस

नीच! पामर! जा, जा!

कैसियस

अच्‍छा!

ब्रूटस

जो कहना है, कहूँगा मैँ. तेरी

घुड़की से डरूँगा मैँ? पागलोँ

के घूरने से डरूँगा मैँ?

कैसियस

यह सब

सहना होगा मुझे?

ब्रूटस

यही नहीँ,

और भी सहेगा तू, सुनेगा तू.

जा! जा! जा! गुर्गोँ को दिखा आँखेँ,

दासोँ पर चला जादू. तू समझता

है डरूँगा मैँ? झुकूँगा मैँ? तुझ

से? बकबक से? साक्षी हैँ सब देवता!

अपना विष पिएगा तू. जब भी तू

करेगा खोँ खोँ, हँसूँगा मैँ, बंदर!

कैसियस

अच्‍छा!

ब्रूटस

तू सैनिक है? मुझ से अच्‍छा?

देख लेते हैँ अभी, कैसे होते

हैँ वीर? सीखना है मुझे कुछ और, तो

सिखाने वाले हैँ और.

कैसियस

सरासर

अन्‍याय है यह. मैँ ने कहा, आप से

अधिक अनुभव है मुझे. नहीँ

कहा आप से अच्‍छा हूँ मैँ.

ब्रूटस

कहा भी होता तो क्‍या कर लेता?

कैसियस

इतना साहस सीज़र तक मेँ नहीँ

था जो ललकारे मुझे.

ब्रूटस

रहने दे!

साहस तुझ मेँ ही नहीँ था सीज़र

से लड़ने का.

कैसियस

नहीँ था?

ब्रूटस

नहीँ था.

कैसियस

नहीँ ललकार सकता था मैँ उसे?

ब्रूटस

हाँ, नहीँ ललकार सकता था तू?

कैसियस

और मत उकसाइए. तैश मेँ कुछ कर

न बैठूँ पछताना पड़े जिस पर.

ब्रूटस

पछताना पड़े जिस पर, वह तो कर

चुका है तू. तेरी धमकियोँ से

मैँ नहीँ डरता. ख़ाली हवा से

वे नहीँ हिलते, सत्‍य पर जो होँ

टिके. आदमी भेजा था तेरे पास

माँगने को धन. कर दिया इनकार तू

ने. बोल भत्ता सैनिकोँ को

मैँ कहाँ से दूँ? स्‍वर्णमुद्रा कोश

मेँ ढलती नहीँ हैँ. खेतीहरोँ,

व्‍यापारियोँ, कारीगरोँ को लूट

मैँ सकता नहीँ हूँ. आदमी भेजा

था तेरे पास माँगने को धन. लौट

आया हाथ ख़ाली. कर दिया इनकार

तू ने! है यही बस मित्रता का

दम? क्‍या कभी तुझ को किया इनकार

मैँ ने? गाज भी गिरती नहीँ मुझ पर!

कैसियस

मैँ ने किया इनकार?

ब्रूटस

हाँ.

कैसियस

धूर्त है

जिस ने भरे हैँ कान. तोड़ डाला आप

ने यह दिल. मित्रता का अर्थ है – हम

माफ़ कर देँ मित्र के छोटे बड़े

अपराध. बढ़ा कर कह रहे हैँ

आप मेरे दोष.

ब्रूटस

दोष यह तू ने

किया मुझ से.

कैसियस

अब आप को मुझ से

नहीँ है प्रेम.

ब्रूटस

सह नहीँ सकता मैँ

किसी के दोष.

कैसियस

  दोस्‍तों के दोष देखे

ही नहीँ जाते.

ब्रूटस

जो दोष ना देखेँ,

नहीँ हैँ दोस्‍त, चमचे हैँ.

कैसियस

एंटनी!

आक्‍टेवियस! कहाँ हो तुम? आओ,

मुझे मारो! मारा मुझे संसार

ने. प्‍यार है जिन से, हैँ थूकते मुझ पर.

भाई ने बरजा, दास सा घुड़का, हर

दोष को आँका, गिनाया, भाल पर मारा.

काश, रो रो कर बहा सकता ग़मोँ

का बोझ. यह रही तलवार मेरी, यह

रहा सीना. है इस मेँ – मेरा दिल.

अनमोल है यह दिल, जैसे कोश प्‍लूटो

का. स्‍वर्ण से बढ़ कर है इस का मोल.

रोम के तुम पूत हो तो, लो, निकालो

दिल. था किया इनकार मैँ ने… भेजा

नहीँ सोना… लो, दे रहा हूँ दिल.

कर दो वार, जैसे किया था वार

सीज़र पर. जानता हूँ मैँ – जब तुम कर

रहे थे वार तब भी प्‍यार था मन

मेँ! तुम से मिला कब कैसियस को

प्‍यार उतना?

ब्रूटस

रख म्‍यान मेँ तलवार!

अवसरहीन हो, तो कोप है बेकार.

देख कर तेरा बिफरना, यह बिखरना,

हँसी से पेट मेँ पड़ जाएँगे बल.

सवार है तुझ पर उत्तेजना की भेड़ –

भड़कती है पल भर, फिर ठंडी ठार!

कैसियस

हँस रहे हैँ आप? मैँ खो बैठा था आपा.

ब्रूटस

नहीँ था आपे मेँ मैँ भी.

कैसियस

यह बात

है? दीजिए हाथ.

ब्रूटस

 ले दिल भी.

कैसियस

ओ ब्रूटस!

ब्रूटस

बोल ना, क्‍या बात है?

कैसियस

इतना

भी नहीँ आप को स्‍नेह, जो सह लेँ

मेरा कसैलापन? मिला है माँ से.

ब्रूटस

ठीक है, कैसियस, अब कभी होगा

जब तुझ पर कोप का भूत सवार, तो मैँ

समझूँगा बोल रही है महतारी.

भाट

(नेपथ्‍य मेँ) छोड़ो, जाने दो. सेनापतियोँ

से मिलने दो मुझे. झगड़ा है उन

मेँ, निपटाने दो मुझे.

लूसीलियस

(नेपथ्‍य मेँ) नहीँ, तुम नहीँ जा सकते.

भाट

मौत ही रोकेगी मुझे.

(भाट आता है. उस के पीछे लूसीलियस, टिटीनियस, लूसियस.)

कैसियस

क्‍या है? कौन है?

भाट

शर्म करो, सेनापति, शर्म करो!

मिलो, रहो साथ, महान बनो तुम

मानो यह बात, नादान हो तुम.

कैसियस

वाह. क्‍या तुक भिड़ाई है कलंदर ने.

ब्रूटस

जा! मुँहफट, गँवार!

कैसियस

छोड़ो भी. यह तो स्‍वभाव है इस का.

ब्रूटस

स्‍वभाव सुहाता है सही अवसर

पर. मैदान मेँ क्‍या काम है तुक्‍कड़

का? जाइए, महाराज, जाइए?

कैसियस

जा, चला जा, फूट!

(भाट जाता है.)

ब्रूटस

लूसीलियस, टिटीनियस. नायकोँ से

कहो, सेनाएँ अब विश्राम करेँ.

कैसियस

टिटीनियस, मेसाला को लेते आना

अपने साथ…

(लूसीलियस और टिटीनियस जाते हैँ.)

ब्रूटस

लूसियस, अब मदिरा…

(लूसियस जाता है.)

कैसियस

सहनशीलता खो बैठते हैँ आप भी.

ब्रूटस

कैसियस, मुझे हैँ कई शोक.

कैसियस

निर्विकार हुआ करते थे आप. क्योँ

विचलित करने लगी आप को छोटी

मोटी ऊँचनीच?

ब्रूटस

कौन सहेगा इतना

शोक? नहीँ रहीँ पोर्शिया…

कैसियस

नहीँ

रहीँ पोर्शिया?

ब्रूटस

नहीँ रहीँ वे.

कैसियस

कैसे बचा मैँ आप के हाथोँ? मौत

को उकसाया तो बहुत मैँ ने. शोक,

महाशोक! क्‍या रोग था उन्हेँ?

ब्रूटस

 रोग था – -

मेरा वियोग. और शोक है कि सेना

प्रबल हो गई है आक्‍टेवियस

और मार्क एंटनी की… दोनोँ संदेश

मिले हैँ आज ही… त्रस्‍त थीँ वे.

दास घर मेँ नहीँ थे. ज्‍वाला पी ली

देवी ने.

कैसियस

                    ज्‍वाला पी गईँ? सच?

ब्रूटस

हाँ.

कैसियस

हाय! भगवान!

(लूसियस मदिरा और बत्ती ले कर आता है.)

ब्रूटस

उन की बात मत करो. दो मदिरा

पात्र. डूबा दूँ सब दुःखोँ को.

कैसियस

प्‍यासा है मेरा मन. लूसियस, भर

भर दे ऊपर तक प्‍याला. जी भर के

पी लूँ मैँ ब्रूटस के प्‍यार का जाम.

ब्रूटस

आओ, टिटीनियस.

(लूसियस जाता है.)

(मेसाला और टिटीनियस आते हैँ.)

आइए, मेसाला.

दीपक से सट कर बैठेँ हम. सोचेँ

क्‍या करना है.

कैसियस

पोर्शिया! गईँ?

ब्रूटस

बस

करो. होश मेँ आओ… मेसाला, मुझे

मिले हैँ ये संदेश. आक्‍टेवियस

और एंटनी ला रहे हैँ महा

कटक. शीघ्र पहुँचेँगे वे लोग

फ़िलीपी.

मेसाला

मुझे भी मिले हैँ

ये पत्र.

ब्रूटस

और कुछ लिखा है इन मेँ?

मेसाला

आक्‍टेवियस, एंटनी और लेपीडस

ने उतार दिए हैँ सो से भी ऊपर

सांसद मौत के घाट!

ब्रूटस

मेरे मेँ

लिखा है… मारे गए हैँ सत्तर

सांसद. मारे गए सिसैरो.

मेसाला

मारे गए सिसैरो! अपने घर से

कोई पत्र तो नहीँ आया आप को?

ब्रूटस

नहीँ तो, मेसाला.

मेसाला

कोई समाचार?

ब्रूटस

नहीँ तो, मेसाला.

मेसाला

अनोखी बात है!

ब्रूटस

क्योँ पूछते हो, मेसाला? तुम्हेँ मिला

कुछ समाचार?

मेसाला

कुछ तो नहीँ,

सेनापति ब्रूटस.

ब्रूटस

वीर रोमन हो तुम.

सच बताओ.

मेसाला

तो फिर वीर रोमनो

की भाँति दृढ़ रहने की शक्ति

धारिए. पोर्शिया नहीँ रहीँ. अंत

अनोखा था उन का.

ब्रूटस

अलविदा, पोर्शिया.

मरना सभी को है, मेसाला, उन्हेँ

भी मरना था एक दिन. फिर शोक कैसा?

मेसाला

हाँ, सत्‍य है! महापुरुषोँ को

सहने होते हैँ महाशोक.

कैसियस

जानता

हूँ मैँ. पर धीरज नहीँ है मुझ मेँ.

ब्रूटस

जीवित हैँ हम, तो जीते जी जीवन

के काज सभी करने हैँ… .

क्‍या राय है? हम बढ़ चलेँ फ़िलीपी?

कैसियस

ठीक नहीँ होगा.

ब्रूटस

कारण?

कैसियस

ठीक तो यह

होगा – शत्रु हमेँ खोजे, फिरे

मारा मारा. इस मेँ नष्‍ट होँगे

उस के साधन. थकेँगे, मरेँगे

उस के सैनिक. हम यहाँ बैठे हैँ

आराम से, चौकस, सचेतन…

ब्रूटस

अच्‍छे तर्क का होना चाहिए

सुदृढ़ आधार. सार्डिस और फ़िलीपी

के बीच रहते हैँ जो लोग, हमारे

साथ नहीँ हैँ वे. उन को सताया

है हम ने, वसूली है चौथ. उन के

बीच जब बढ़ेगा शत्रु, देँगे वे

उस का साथ. मिलेगा उसे नया

उत्‍साह, नया मनोबल. उसे तुम

दूर ही रहने दो जनजातियोँ से.

बढ़ना चाहिए हमेँ यहाँ से

आगे…

कैसियस

सुनिए तो आप मेरी बात.

ब्रूटस

क्षमा करेँ, कैसियस. जानते

हैँ आप – तंग आ चुके हैँ हम से

हमारे दोस्‍त. विशाल है हमारी

सेना. न्‍याय है हमारे साथ. हर दिन

बढ़ रहा है शत्रु का बल. लेकिन

अभी तक उस से बढ़ कर हैँ हम. कल

बदल सकता है संतुलन. मानव

जीवन मेँ जब कभी आता है ज्‍वार,

सफलता मिलती है उस की लहर

पर चढ़ कर. यदि खो दिया अवसर,

तो मिलते हैँ, बस, छिछले ताल, कष्‍ट,

रुदन, पीड़ा – जीवन भर. वैसी ही

उत्ताल लहर पर अब खड़े हैँ हम.

आओ, निकल चलेँ. नहीँ, तो हम

डूबेंगे तट पर.

कैसियस

तो यही सही.

कल निकल पड़ेँगे हम. फ़िलीपी मेँ

होने दो टक्‍कर.

ब्रूटस

गहरा गई है

रात. प्रकृति का पालना पड़ेगा

आदेश. थोड़ी देर कर लेँ विश्राम…

और कुछ?

कैसियस

नहीँ. शुभरात्रि. भोर

मेँ उठेँगे हम. फिर – महा कूच.

ब्रूटस

लूसियस!

(लूसियस आता है.)

        मेरा चोग़ा…

(लूसियस जाता है.)

अच्‍छा! शुभरात्रि

मेसाला. शुभरात्रि, टिटीनियस.

कैसियस, शुभरात्रि. आज रात कर लेँ कुछ

विश्राम.

कैसियस

प्रिय बंधुवर, बड़ा ही

अशुभ आरंभ था आज की शाम का.

फिर कभी न हो हमारे बीच यूँ

अशोभन विवाद.

ब्रूटस

जो हुआ, सो हुआ.

कैसियस

शुभरात्रि, सेनापति.

ब्रूटस

शुभरात्रि,

प्रिय बंधु.

टिटीनियस, मेसाला

                    शुभरात्रि, सेनापति.

ब्रूटस

अलविदा, प्रिय मित्रो.

(ब्रूटस को छोड़ कर सब जाते हैँ.)

(लूसियस चोग़ा ले कर आता है.)

                                ला, चोग़ा दे.

कहाँ है तेरी वीणा, लूसियस?

लूसियस

यहीँ शिविर मेँ.

ब्रूटस

वाणी अलसाई

सी है तेरी. बेचारा लूसियस!

दोष नहीँ है तेरा. काम का बोझ है

तुझ पर. क्‍लौडियस के साथ बुला ले

कोई और भी. यहीँ सोएँगे मेरे

शिविर मेँ.

लूसियस

वारो! क्‍लौडियस!

(वारो और क्‍लौडियस आते हैँ.)

वारो

स्‍वामी!

ब्रूटस

आज रात आप सोएँ यहाँ पर, मेरे

शिविर मेँ. हो सकता है मुझे रात

मेँ भेजने पड़ेँ संदेश बंधुवर

कैसियस के पास.

वारो

जो आज्ञा, स्‍वामी. यहाँ खड़े हैँ

हम आप के आदेश की प्रतीक्षा मेँ.

ब्रूटस

नहीँ, यह नहीँ होगा. यहाँ लेट

जाएँ आप. शायद न ही जगाऊँ

मैँ आप को.

(वारो और क्‍लौडियस लेटते हैँ.)

देखा, लूसियस! यहाँ

मिली वह पुस्‍तक मेरे चोग़े मेँ.

कभी मैँ ने जेब मेँ रखी होगी.

लूसियस

मैँ न कहता था, स्‍वामी ने नहीँ

दी मुझे.

ब्रूटस

कुछ दिन और सह ले

भले बच्‍चे. कुछ याद नहीँ रहता

मुझे. कुछ देर जाग सकता है और? छेड़

सकता है वीणा के तार?

लूसियस

जी, होगा

मन शांत.

ब्रूटस

हाँ, पुत्र. बहुत सताया

है तुझे. सब सहता है तू.

लूसियस

काम है

मेरा.

ब्रूटस

इस तरह लादना तुझे – ठीक

नहीँ है. कम उम्र को चाहिए

आराम भी.

लूसियस

सो चुका हूँ मैँ, स्‍वामी.

ब्रूटस

ठीक किया. अभी फिर सो जाना तू.

अधिक नहीँ रोकूँगा मैँ तुझे.

जीवित बच रहा मैँ, तो कर दूँगा

कल्‍याण.

(लूसियस गाता है.)

ब्रूटस

नींद से बोझिल है यह तान. अरी

घातिनी नींद, क्योँ सुला दिया तू

ने उसे, जो गा रहा था गीत तेरे

लिए?… सो जा, सो जा. मत हिला सिर.

टूट जाएँगे तार. ला. ला, मुझे दे

वीणा. सो, बेटे, सो… देखूँ कहाँ

था मैँ? हाँ. यही है वह पन्ना जो

मोड़ा था मैँ ने. हाँ, हाँ, यही है!

(सीज़र का भूत आता है.)

कैसे काँप रही है दीपशिखा!

क्‍कौ… कौन है? क्‍या है? आँखोँ का धोखा

है. कैसा भयानक आकार है! बढ़

रहा है मेरी ओर. तू क्‍या है?

देवता है? देवदूत है? राक्षस है तू?

जम गया है मेरा लहू. रोम रोम

रहा है सिहर… बता, तू क्‍या है?

भूत

तेरा विद्रूप, ब्रूटस!

ब्रूटस

क्योँ आया है तू?

भूत

यह बताने – एक बार फिर मिलेँगे हम

फ़िलीपी मेँ.

ब्रूटस

क्‍या? फिर मिलेँगे हम?

भूत

हाँ, फ़िलीपी मेँ.

ब्रूटस

ठीक है. तो अब हम

फ़िलीपी मेँ मिलेँगे. ठीक है न?

(भूत जाता है.)

मेरा साहस लौटा तो भाग चला!

ठहर! जाता कहाँ है! लूसियस!

वारो! क्‍लौडियस. जागो! क्‍लौडियस!

लूसियस

तार ढीले हैँ, स्‍वामी, वीणा के.

ब्रूटस

समझ रहा है अभी तक छेड़ रहा है तार!

लूसियस

जी, स्‍वामी.

ब्रूटस

सपना देखा था क्‍या? क्योँ चीखा तू?

लूसियस

मैँ चीखा था क्‍या?

ब्रूटस

हाँ, चीखा था तू. कुछ देखा था क्‍या?

लूसियस

कुछ नहीँ, स्‍वामी.

ब्रूटस

                    तो जा फिर सो जा.

क्‍लौडियस! (वारो से) भले मानस जाग.

वारो, क्‍लौडियस

स्‍वामी?

ब्रूटस

तुम नींद मेँ क्योँ चीख रहे थे?

वारो, क्‍लौडियस

हम चीखे थे?

ब्रूटस

कुछ देखा था तुम ने?

वारो

नहीँ, स्‍वामी.

क्‍लौडियस

नहीँ मैँ ने, स्‍वामी.

ब्रूटस

जाओ, बंधु कैसियस से कहो

तत्‍काल प्रयाण करेँ. आते हैँ हम भी.

वारो, क्‍लौडियस

जो आज्ञा, स्‍वामी.

(सब जाते हैँ.)

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