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जब वी मैट: राज कपूर और मैँ – पहली बार

In Cinema, Culture, Friendship, Memoirs, Mumbai, People, Poetry by Arvind KumarLeave a Comment

-अरविंद कुमार नवंबर 1963. शाम के लगभग चार-पाँच बजे. आर.के. स्टूडियो के कार्यालय ब्लाक मेँ शैलेंद्र जी और मैँ ज़ीना चढ़ कर बाल्कनी पहुँचे. बाईं ओर शुरू मेँ और अंत …

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राज कपूर देह थे तो शैलेंद्र उन की आत्मा

In Art, Cinema, Friendship, People, Poetry by Arvind KumarLeave a Comment

–अरविंद कुमार चौदह दिसंबर – शैलेंद्र के प्रयाण और राज कपूर के जन्म दिवस पर विशेष ‘माधुरी’ का संपादक बन कर मैँ जब 1963 मेँ बंबई पहुँचा तो मेरी पसंद …

शब्दवेध–क्या, किस के लिए

In Cinema, Culture, Drama, Hindi, History, Journalism, Language, Literature, Memoirs, People, Poetry by Arvind KumarLeave a Comment

शब्दवेध: क्योँ, किस के लिए शब्दवेध सब के लिए एक अत्यंत रोचक सत्यकथा है. कैसे कोई अपनी मेहनत और लगन के, निष्ठा, संकल्प और प्रतिबद्धता ​के बल पर कमतरीन से …

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अनुपम अविरल शब्द सारथी

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  अरविंद जी के जन्मदिन पर     निस्पृहता में जैन मुनि सम शब्द भेद में अर्जुन अपने चिंतन से पा रहे निरंतर प्रथम पूज्य गणपति सा जगवंदन.   स्वयं …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 13 – उपवन मेँ कुंज

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १३. उपवन मेँ कुंज आँखमिचौनी सी खेलती हँसती खिलखिलाती मार्गरेट दौड़ कर आती है. …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 1 दृश्य 4 – क्रीड़ा उपवन – सुबह की धूप

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ४. क्रीड़ा उपवन – सुबह की धूप सम्राट, दरबारी, उच्च जन और महिलाएँ. फ़ाउस्ट …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 2 – वाटिका

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार २. वाटिका तीनोँ भोजन की मेज़ पर – बौकिस मौन हो? नहीँ है खाने …

जूलियस सीज़र. अंक 3. दृश्य 2. रोम जनमंच

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ठेस लगती थी किसी निर्धन को, तो रोता था सीज़र. सत्ता का लालची क्‍या होता है कोमल? ब्रूटस कहते हैँ सीज़र लालची था सत्ता का. ब्रूटस ठहरे परम आदरणीय…! जनमंच. …

विक्रम सैंधव. अंक 2. दृश्य 3. धारावती. दुर्ग प्राचीर के निकट

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न पढ़ पाया – तो हरि की इच्‍छा!   धारावती. दुर्ग प्राचीर के निकट मार्ग. (नारदानंद आता है. वह एक पत्र पढ़ रहा है.) नारदानंद विक्रम, शतमन्‍यु से सावधान. कंक …

आसमान मेँ तारे

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आसमान मेँ तारे आए – बहुत दिनोँ के बाद रजनी ने आंचल फहराया – बहुत दिनोँ के बाद बादल छँटे सप्‍तर्षि मुसकाए – बहुत दिनोँ के बाद   हिरना के …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 14 – वन और कंदरा

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १४. वन और कंदरा फ़ाउस्ट (अकेला – ) ओ दैवी सत्ता! मेरा है सृष्टि …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 1 दृश्य 5 – अँधेरा गलियारा

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ५. अँधेरा गलियारा फ़ाउस्ट और मैफ़िस्टोफ़िलीज़. मैफ़िस्टोफ़िलीज़ क्या हुआ? आ धमके – यहाँ भी …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 3 – महल

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ३. महल विशाल राजप्रासाद. चौड़ी गहरी नहर. बहुत बूढ़ा फ़ाउस्ट विचारमग्न है, चहलक़दमी कर …

जूलियस सीज़र. अंक 3. दृश्य 3. एक जनमार्ग

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काटो! काटो! फाड़ो! लाओ ज्‍वाला. ज्‍वाला लाओ, चलो. ब्रूटस को जला दो. कैसियस को फूँक दो. सब को भून दो. जला दो. रोम. एक जनमार्ग. (कवि सिन्ना गाता आता है.) …

विक्रम सैंधव. अंक 2. दृश्य 4. धारावती. शतमन्यु के घर के बाहर

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  यह भनभनाहट सी क्‍या है? दंगे के शोर जैसी? दूर, दुर्ग की ओर.   दुर्ग. शतमन्‍यु के घर के बाहर मार्ग. (रत्‍ना और पिपीलक आते हैँ.)   रत्‍ना दास, …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 15 – मार्गरेट का कमरा

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १५. मार्गरेट का कमरा अकेली मार्गरेट – चरखा कातते कातते गा रही है. आवत …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 1 दृश्य 6 – दीपोँ से जगमग अनेक विशाल कक्ष

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ६. दीपोँ से जगमग अनेक विशाल कक्ष सम्राट और राजे. विचरणशील दरबार. चैंबरलेन (मैफ़िस्टोफ़िलीज़ …

फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 5 दृश्य 5 – आधी रात

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ५. आधी रात चार बूढ़ी खूसट पिशाचनियाँ आती हैँ. पहली मेरा नाम है कमताई… …

जूलियस सीज़र. अंक 4. दृश्य 1. रोम एक भवन

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ब्रूटस और कैसियस कर रहे हैँ शक्ति का संचय. हम भी चेतेँ, अपनी ताक़तेँ मिलाएँ, औरोँ को साथ लाएँ. अज्ञात संकटोँ को समझेँ. रोम. एक भवन. (एंटनी, आक्‍टेवियस और लेपीडस. …

विक्रम सैंधव. अंक 3. दृश्य 1. धारावती. संसद के बाहर

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  यह तू, मनमीत! निष्‍फल है जीना! धारावती. संसद के बाहर. (तूर्यनाद. शंखनाद. विक्रम, शतमन्‍यु, कंक, चाणूर, भगदत्त भट्टारक, महीधर वर्मन, गुणाकर, चंडीचरण, आनंदवर्धन, केतुमाल, नारदानंद, मंगल, गोपाल तथा अन्‍य …

फ़ाउस्ट – भाग 1 आरंभ – समर्पण, मंच पर प्ररोचना – स्वर्ग मेँ पूर्वपीठिका

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      महाकवि योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे कृत जरमन काव्य नाटक फ़ाउस्ट – एक त्रासदी अविकल हिंदी काव्यानुवाद भाग 1 – समर्पण, मंच पर प्ररोचना, स्वर्ग मेँ पूर्वपीठिका अरविंद …

फ़ाउस्ट – भाग 1 दृश्य 16 – मार्था का उपवन

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार १६. मार्था का उपवन मार्गरेट. फ़ाउस्ट. मार्गरेट वचन दो, हेनरिख. फ़ाउस्ट जो कुछ भी …

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फ़ाउस्ट – भाग 2 अंक 1 दृश्य 7 – विशाल सूरमा कक्ष. मद्धम प्रकाश

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      फ़ाउस्ट – एक त्रासदी योहान वोल्‍फ़गांग फ़ौन गोएथे काव्यानुवाद -  © अरविंद कुमार ७. विशाल सूरमा कक्ष. मद्धम प्रकाश सम्राट और दरबारी आ चुके हैँ. घोषक घोषित …